जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोय! परिवार से तंग आकर रेल की पटरी पर लेट गया शख्स, ट्रेन भी गुजरी लेकिन नहीं आई कोई खरोंच..

लोको पायलट राकेश ने बताया कि जिस अवस्था में वो व्यक्ति लेटा था, वैसी स्थिति में कोई आजतक बच नहीं सका है. ये ऊपरवाले का चमत्कार ही है कि वो न सिर्फ जिंदा बच गया बल्कि उसे खरोच भी नहीं आई. उसके बच्चे उसे खाना नहीं दे रहे थे... इस कारण वो जान देने की नीयत से पटरी पर लेटा था.

ट्रेन के दोनों लोको पायलटों ने पटरी पर लेटे व्यक्ति की जान बचाकर निकाला बाहर
gnttv.com
  • छपरा,
  • 06 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST
  • लोको पायलटों ने पटरी पर लेटे व्यक्ति की जान बचाकर निकाला बाहर
  • जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोय....

कहते है कि आग, पानी और बिजली से कभी खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. अब इस कड़ी में ट्रेन का नाम भी जुड़ गया है. अब कहा जाने लगा है कि रेल, आग, पानी और बिजली से खिलवाड़ करने का मतलब है अपनी जिंदगी को खतरे में डालना. सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे ट्रेन के साथ खिलवाड़ करने वाला व्यक्ति बिना किसी खरोंच के सकुशल बच गया. इस वीडियो में साफ साफ देखा जा सकता है कि अंधेरी रात में ट्रेन चला रहे दो लोको पायलट अपनी ट्रेन के डिब्बे के नीचे से एक व्यक्ति को बाहर निकाल रहे हैं. ट्रेन के नीचे से रेल लाइन के बीच मे से उस शख्स को निकालने के दौरान लोको पायलट उससे बातचीत भी कर रहे हैं, उससे पटरी पर लेटने की वजह पूछने के साथ साथ उसे समझाते भी नजर आ रहे हैं.

परिवार से तंग आकर आत्महत्या करना चाहता था

इस वायरल वीडियो में नजर आने वाले पायलट छपरा जंक्शन पर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के एकीकृत क्रू लॉबी के हैं. दोनों के नाम हैं राकेश कुमार और शेषनाथ. दोनों ने बातचीत में बताया कि ट्रेन संख्या 05241 को हम दोनों 2 सितंबर की रात सिवान से पंचदेवरी ले जा रहे थे. लगभग 10:30 बजे जब ट्रेन हथुआ से आगे बढ़ी तो लाइन बाजार हाल्ट के पास रेल लाइन के बीच में कुछ लाइट जलता हुआ नजर आया. जब ट्रेन कुछ और आगे बढ़ी तो ऐसा लगा कि कोई व्यक्ति पटरियों के बीच में सोया हुआ है. हम दोनों ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया और हॉर्न शुरू किया. हॉर्न की आवाज सुनकर वो व्यक्ति हड़बड़ा गया और अपना सिर और पैर समेटकर दोनों पटरियों के बीच में लेट गया. जब तक इमरजेंसी ब्रेक लगता तब तक ट्रेन का इंजन और एक बोगी उस व्यक्ति के ऊपर से पार हो गया. ट्रेन रुकने के बाद दोनों लोको पायलट जब उस व्यक्ति को देखने के लिए बाहर उतरे तो उसे सही सलामत पाकर हैरान रह गए.

जब उससे पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसने बताया कि घर में हुए झगड़े के कारण उसके आत्महत्या की कोशिश की थी. उसका नाम मोहन चौधरी है और वो बगल के गांव का रहने वाला है. बाद में लोको पायलट्स ने उसे समझा बुझाकर घर भेज दिया.

चमत्कार ने बचाया

लोको पायलट राकेश ने बताया कि जिस अवस्था में वो व्यक्ति लेटा था, वैसी स्थिति में कोई आजतक बच नहीं सका है. ये ऊपरवाले का चमत्कार ही है कि वो न सिर्फ जिंदा बच गया बल्कि उसे खरोंच भी नहीं आई. उसके बच्चे उसे खाना नहीं दे रहे थे... इस कारण वो जान देने की नीयत से पटरी पर लेटा था.

-आलोक कुमार जैसवाल की रिपोर्ट

 

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