चीन में इंसानी नाल से बनाई जा रही थी हेल्थ कैप्सूल, बवाल होने के बाद बंद कराई गई दुकान

चीन के एक स्नैक शॉप में Placenta से बना कैप्सूल बिकने का मामला सामने आया है. ये मामला सामने आने के बाद चीन में हड़कंप मच गई है. यह मामला सामने आते ही स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है और दुकान को बंद करवा दिया है.

human placentas
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST
  • प्लेसेंटा को प्रोसेस करके बनाई जा रही थी कैप्सूल
  • क शॉप के खिलाफ जांच शुरू

चीन के एक स्नैक शॉप में Placenta से बना कैप्सूल बिकने का मामला सामने आया है. ये मामला सामने आने के बाद चीन में हड़कंप मच गई है. यह मामला सामने आते ही स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है और दुकान को बंद करवा दिया है.

दुकान में दी जा रही "प्लेसेंटा प्रोसेसिंग" सर्विस
एक इंटरनेट यूजर ने अपने सोशल मीडिया पर बताया कि चांगझोउ शहर के पारंपरिक चीनी अस्पताल के पास मौजूद "Auntie Congee’s Snack Shop" नाम की दुकान में "प्लेसेंटा प्रोसेसिंग" की सर्विस दी जा रही है. दुकान के बाहर लगे बोर्ड पर साफ शब्दों में "Placenta Processing" लिखा हुआ था. इस पोस्ट के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया.

प्लेसेंटा को सुखाकर बनाई जाती है कैप्सूल
दावा किया जा रहा है कि दुकान प्लेसेंटा को सुखाकर उसमें जिनसेंग जैसे औषधीय पाउडर मिलाकर कैप्सूल बनाया जाता है. इन कैप्सूल को पारंपरिक चीनी चिकित्सा में "Ziheche" कहा जाता है. अगर कस्टमर खुद प्लेसेंट लेकर आते हैं तो उनसे 300 युआन (लगभग ₹3,400) चारेज किए जाते हैं. अगर प्लेसेंटा दुकान से लिया जाता है तो कस्टम से 800 युआन (लगभग ₹9,000) चार्ज किए जाते हैं.

स्नैक शॉप को बंद करवाई गई
दुकान की मालकिन ने बताया कि वह पहले पोस्ट-पार्टम सर्विस में काम कर चुकी हैं और उनका एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म भी है, Zixuan Maternity Matron Centre, जहां मैटरनिटी सर्विस दी जाती हैं, जिसमें ये भी शामिल है.

8 अप्रैल को Changzhou Municipal Health Commission ने इस मामले में जांच करने की बात कही है. एक अधिकारी ने Jimu News को बताया, “स्नैक शॉप को तत्काल बंद करवा दिया गया है और जांच शुरू हो गई है. शुरुआती जांच में पता चला है कि इस्तेमाल किया गया प्लेसेंटा किसी ऑथराइज अस्पताल से नहीं मिला था.”

कानून क्या कहता है?
चीन में कानूनी रूप से प्लेसेंटा प्रसव के बाद मां की निजी संपत्ति मानी जाती है. उसे बेचना या किसी और चीज में उसका इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है. इतना ही नहीं 2015 में चीनी मेडिसिन की लिस्ट से प्लेसेंटा को हटा दिया गया था, जिसके बाद इसका इस्तेमाल दवाओं में करना लीगल नहीं है.

हालांकि सोशल मीडिया पर लोग इस दुकान को ट्रोल कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “यह घिनौना है. इंसानी शरीर को खाने की चीज बना देना पूरी तरह अमानवीय है.” एक दूसरे ने कहा, “2025 में भी लोग ऐसी बातों पर यकीन करते हैं? यह महिलाओं को वस्तु समझने का उदाहरण है.”

बता दें, पारंपरिक चीनी चिकित्सा में प्लेसेंटा को ऊर्जा बढ़ाने, खून की कमी दूर करने और कमजोरी से उबरने में मददगार माना जाता है.

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