Connaught Place plastic waste rule: CP में कचरा फैलाया तो लगेगा 10 हजार का जुर्माना, MCD की तर्ज पर NDMC ने बनाया प्लास्टिक रूल 

बिना परमिशन कार्यक्रम करने या एक जगह 20 से ज्यादा व्यक्तियों के कार्यक्रम बिना अनुमति के करने पर 10 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. प्लास्टिक वेस्ट जलाते समय 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

Plastic waste (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST
  • कूड़ा फैलाने और जलाने पर होगी जेब ढीली
  • सड़कों की मेंटेनेंस के लिए CRRI से अग्रीमेंट

कनॉट प्लेस को दिल्ली का दिल कहा जाता है. अब यहां की साफ-सफाई और खूबसूरती को चार चांद लगने वाले हैं. NDMC अब कचरा फैलाने वालों को लेकर सख्त रुख अपनाने वाली है. अब बिना परमिशन इलाके में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकेगा. अगर इससे प्लास्टिक कचरा पैदा हुआ तो 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

प्लास्टिक उत्पादन करने वाली कंपनियों पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. बोर्ड मीटिंग में इस नए नियम को मंजूरी दे दी गई है. मीटिंग में एनडीएमसी अध्यक्ष नरेश कुमार, उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय, मेंबर कुलजीत सिंह चहल और अन्य मेंबर उपस्थित रहे. यानि एनडीएमसी एरिया में अब बिना परमिशन भंडारा, लंगर या छबील लगाने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है.

कूड़ा फैलाने और जलाने पर होगी जेब ढीली
एनडीएमसी उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय और मेंबर कुलजीत सिंह चहल के अनुसार बोर्ड मीटिंग में कई प्रस्ताव पेश किए. जिनमें से एक प्लास्टिक वेस्ट रूल्स भी है. जिस तरह से एमसीडी ने प्लास्टिक वेस्ट रूल्स तैयार किया है, उसी तर्ज पर एनडीएमसी ने भी प्लास्टिक वेस्ट रूल्स बनाया है.

नए प्लास्टिक रूल के तहत प्लास्टिक उत्पादन करने वाली कंपनियां अगर नियमों का उल्लंघन करती हैं, तो उन पर 20 हजार रुपये जुर्माने का एनडीएमसी ने प्रावधान कर दिया है. बिना परमिशन कार्यक्रम करने या एक जगह 20 से ज्यादा व्यक्तियों के कार्यक्रम बिना अनुमति के करने पर 10 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. प्लास्टिक वेस्ट जलाते समय 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. प्लास्टिक कूड़ा फैलाने वालों पर 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

सड़कों की मेंटेनेंस के लिए CRRI से अग्रीमेंट
एनडीएमसी एरिया में जितनी भी सड़कें हैं, उनके रखरखाव और क्वालिटी को बनाए रखने के लिए CRRI (सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) से सुझाव लेने का भी प्रस्ताव है. इसमें सड़कों की मोटाई कितनी होनी चाहिए और कहां-कहां पर समस्या है, इसका सर्वे CRRI के एक्सपर्ट से कराया जाएगा. सर्वे के बाद सड़कों की क्वालिटी में सुधार किया जाएगा. इसके अलावा दवाओं की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.


 

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