टिंडर और बंबल पर लेफ्ट-राइट स्वाइप करते हुए किसी नए शख्स से मैच होकर उससे बातें करने और डेट करने का सिलसिला अब पुराना होता जा रहा है. नई रिपोर्ट्स और रिसर्च से खुलासा हुआ है कि अब यूथ बड़ी संख्या में डेटिंग ऐप्स को छोड़कर ऐसी 'कम्युनिटीज़' की ओर रुख कर रहे हैं जहां वे अपने जैसे शौक रखने वाले लोगों से मिल सकते हैं.
डेटिंग ऐप्स का इतिहास क्या है, इनकी मौजूदा स्थिति क्या है और यूथ नाम का ऊंट किस ओर करवट ले रहा है, आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब.
क्या कहते हैं डेटिंग ऐप्स के आंकड़े?
ऑनलाइन डेटिंग पहली बार 30 साल पहले मैच डॉट कॉम (match.com) के लॉन्च के साथ शुरू हुई थी. इसने लोगों से जुड़ने और जीवनसाथी ढूंढने के तरीके को बदलकर रख दिया. साल 2012 में लॉन्च हुए टिंडर (Tinder) को बहुत सफलता मिली और एक समय पर यह ऑनलाइन डेटिंग का पर्यायवाची बन गया.
दिसंबर 2014 में लॉन्च हुए बंबल (Bumble) को जेनरेशन ज़ेड (GenZ) ने खूब पसंद किया लेकिन अब वे भी धीरे-धीरे डेटिंग ऐप्स से दूर हो रहे हैं.
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, लगभग 10 प्रतिशत लोग अपने दीर्घकालिक भागीदारों से ऑनलाइन मिले हैं. लेकिन अब ये लोग सिर्फ टिंडर और बंबल जैसे डेटिंग ऐप्स पर निर्भर नहीं.
नवंबर 2024 में ऑफकॉम की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटेन के टॉप 10 डेटिंग ऐप्स में लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. बीबीसी ने एक अन्य रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जहां टिंडर पर 5.94 लाख यूजर कम हुए, वहीं हिंज पर 1.31 लाख और बम्बल पर 3.68 लाख यूजर्स की गिरावट देखी गई.
नौजवानों ने क्यों बांधा बोरिया-बिस्तर?
साल 2023 में एक्सियोस (Axios) ने अमेरिकी कॉलेज के छात्रों और अन्य जेन-ज़ी के साथ उनकी डेटिंग पैटर्न से जुड़ी रिसर्च की. रिसर्च में 79 प्रतिशत ने कहा कि वे नियमित डेटिंग ऐप का उपयोग छोड़ रहे हैं. ऑफकॉम की 2024 ऑनलाइन नेशन रिपोर्ट में कहा गया है, "कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि युवा लोगों डेटिंग ऐप्स की प्रासंगिकता खत्म हो रही है."
सिर्फ यही नहीं, डेटिंग ऐप्स बनाने वाली कंपनियां भी इस बात से रूबरू हैं. जनवरी 2024 में टिंडर और हिंज की मालिक कंपनी मैच ग्रुप इंक ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में स्वीकार किया कि युवा लोग "कनेक्शन खोजने का अधिक विश्वसनीय, सच्चा तरीका ढूंढ रहे थे जहां दबाव भी कम हो."
बीबीसी ने रोमांस की डिजिटल तकनीकों पर रिसर्च करने वाली वारविक यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर कैरोलिना बैंडिनेली के हवाले से कहा, "किसी से मिलने के लिए साझा रुचि का उपयोग करने का विचार नया नहीं है, लेकिन समय के इस खास पल में इसे फिर से आविष्कार किया गया है. यह जेनरेशन ज़ेड की इच्छा का संकेत देता है."
टिंडर नहीं, तो फिर कहां?
जहां कुछ डेटिंग ऐप्स की मेंबरशिप में गिरावट दिख रही है वहीं सामान्य रुचियों पर आधारित प्लेटफॉर्म ज्यादा यूजर्स को आकर्षित कर रहे हैं. मिसाल के तौर पर, लेटरबॉक्स्ड (Letterboxd) एक ऐसी वेबसाइट है जहां फिल्म प्रेमी देखी हुई फिल्मों को रिव्यू कर सकते हैं और नई फिल्में ढूंढ सकते हैं. लेकिन कई यूजर इसे अपना 'जीवनसाथी' ढूंढने के लिए भी अनुकूल मानते हैं.
लंदन की एक मार्केटिंग असिस्टेंट 26 वर्षीय डैनिट टेसफ़े बीबीसी से बातचीत में कहती हैं, "चाहे वह गेमिंग हो या रनिंग क्लब या रीडिंग क्लब, लोग ऐसी कम्युनिटीज़ की ओर रुख कर रहे हैं जहां वे समान सोच वाले लोगों से मिल सकें और एक रोमांटिक रिश्ते को बढ़ावा दे सकें."
मिसाल के तौर पर, लेटरबॉक्स्ड का कहना है कि पिछले साल इसकी कम्युनिटी में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. दूसरी ओर ,फिटनेस ऐप स्ट्रावा के अब 135 मिलियन यूजर हैं. कंपनी के अनुसार इसके मासिक सक्रिय यूजर पिछले साल 20 प्रतिशत बढ़े. आसान शब्दों में कहें तो युवा अपना पार्टनर उन्हीं जगहों पर ढूंढ रहे हैं जहां जाना वे पसंद करते हैं. बिल्कुल वैसे ही जैसे इंटरनेट से पहले लोग स्पोर्ट्स क्लब या मूवी थिएटर्स में मिलते थे.