छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के किस्से हर कोई जानता है. किताबों के पन्ने उनके किस्सों से भरे पड़े हैं. देश में जब कभी भी बहादुरी की कहानी सुनाई जाती है तो शिवाजी महाराज का नाम सबसे ऊपर आता है. शिवाजी की सेना में काम करने वाली एक फैमिली के वंशज ने दिल्ली के इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट में प्रदर्शन लगाई. इस प्रदर्शनी में शिवाजी की सेना से संबंधित तमाम चीजों की प्रदर्शनी लगाई गई. इस प्रदर्शनी को लगाने वाले शख्स का नाम राकेश राव है. उनके पूर्वज शिवाजी महाराज के सेना में थे.
शिवाजी के इस्तेमाल किए गए हथियार-
प्रदर्शनी में छत्रपति शिवाजी महाराज के इस्तेमाल किए गए हथियारों को भी रखा गया है. इसमें तलवार, सुरक्षा कवच और बंदूक जैसे हथियार शामिल हैं. शिवाजी के पास कई तलवारें थीं, जिसमें कोल्हापुर की तलवार और भवानी तलवार सबसे अहम थी. शिवाजी हमेशा अपने पास वाघ नख रखते थे. इसे गुप्त तरीके से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया था. हालांकि इस प्रदर्शनी में वाघ नख नहीं है.
प्रदर्शनी में और क्या है-
दिल्ली में छत्रपति शिवाजी महाराज के समय के हथियारों और सामानों की प्रदर्शनी लगाई गई. तलवार, ढाल,टोपी, बंदूक, लोहे के कवच जैसे सामानों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसमें एक से बढ़कर एक तलवारें हैं. लंबी बंदूक से लेकर छोटे-छोटे चाकू तक रखे गए हैं. उसमें दंडपुट्टा भी है. ये देखने में तलवार की तरह होता है. लेकिन इसकी ब्लेड लचीली होती है. शिवाजी के सैनिकों के पास फिरंगी होती थी. ये एक तरह की तलवार होती थी, जिसे यूरोपीय डिजाइन पर बनाया जाता था. सैनिकों के पास शमशीर और खंडा भी था. इसके दोनों तरफ तेज धार होती थी. हैंडल पर इसकी चौड़ाई कम होती थी.
प्रदर्शनी में खंजर भी था. जिसका इस्तेमाल सैनिक नजदीक की लड़ाई में करते थे. यह लंबाई में छोटा, घुमावदार, दोधारी और नुकीली होता था.
शिवाजी महाराज के शासन के दौरान महिलाएं और बच्चे भी हथियारों का इस्तेमाल करते थे. उन हथियारों को भी प्रदर्शनी में रखा गया है.
राकेश राव कौन हैं-
प्रदर्शनी में नागपुर के राकेश राव युवा पीढ़ी को शिवाजी की महानता के बारे में बताने की कोशिश करते हैं. दरअसल राकेश राव के पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में थे. राकेश राव के पास शिवाजी महाराज के वक्त के हथियार हैं और उनकी प्रदर्शनी लगाई गई है. यह प्रदर्शनी दिल्ली के इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट में लगाई गई है.
इस प्रदर्शनी में आने वाले लोग शिवाजी के हथियारों को छू सकते हैं. सैनिकों को कवच को पहन सकते हैं. राकेश राव ने एक छोटी सी टोप से डेमो करके भी दिखाया कि कैसे सैनिक तोप का इस्तेमाल करते थे.
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