आग लगने की घटनाओं में ज़्यादातर लोग इसलिए अपनी जान गवां देते हैं क्योंकि वो खुद को सही ढंग से रेस्क्यू नहीं पाते हैं. वैसे तो फायर फाइटर्स की टीम जल्द से जल्द मौके पर पहुंचकर स्थितियों को काबू में करने की कोशिश तो करती है लेकिन कई बार तुरंत मदद ना पहुंच पाने के कारण स्थितियां नाजुक हो जाती है और लोग अपनी जान तक गंवा देते हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली फायर सर्विस ने इसी दिशा में "मैं भी फायर फाइटर" नाम से एक मुहिम की शुरुआत की है. लेकिन देखा जाए तो यह केवल एक मुहिम नही बल्कि महिला सशक्तिकरण की ओर एक मज़बूत कदम है.
मैं भी फायर फाइटर मुहिम के तहत सिखा रहे फायर रेस्क्यू करना
दरअसल दिल्ली फायर सर्विस और मेहर चैरिटेबल सोसायटी ने साथ मिलकर महिलाओं के लिए "मैं भी फायर फाइटर" नाम से एक अभियान को शुरुआत की है. इसके तहत दिल्ली की कामगार महिलाओं और ग्रहीणियों को फायर फाइटर बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है. दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग बताते हैं कि इस मुहिम के जरिए वे महिलाओं को फायर फाइटर बनने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. जब घरों में गैस सिलेंडर फटने या फिर शॉर्ट सर्किट होने जैसी घटनाएं होती हैं तब पूरे घर में आग लग जाती. वैसे तो दिल्ली फायर सर्विस की टीम की कोशिश यही रहती है कि जल्द से जल्द मौके पर पहुंचा जाए. लेकिन तुरंत अपने आप को रेस्क्यू कैसे किया जाए इस बात की ट्रेनिंग महिलाओं को दी जा रही है. महिलाओं को यह सिखाया जा रहा है कि खुद के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी किस तरह से रेस्क्यू किया जा सकता है. इस ट्रेनिंग में बचाव की तकनीक के बारे में बारीकी से बता कर हर महिला को एक फायर फाइटर बनाया जा रहा है. अब तक दिल्ली में लगभग 100 से भी ज्यादा महिलाओं को फायर फाइटर बनने की ट्रेनिंग दे चुके हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को दे रहे ट्रेनिंग
मैहर चैरिटेबल सोसायटी एडवोकेट हरिता मेहता बताती हैं कि महिलाओं को हर क्षेत्र में मजबूत करना जरूरी है. यदि एक महिला शिक्षा लेती है या फिर ट्रेनिंग लेती है तो उसके साथ-साथ पूरा परिवार और पूरा समाज शिक्षित होता है. इसी सोच को ध्यान में रखते हुए हमने दिल्ली फायर सर्विसेज के साथ मिलकर इस मिशन की शुरुआत की है. इस मिशन में खास तौर पर हम उन महिलाओं को जोड़ रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं. इस ट्रेनिंग सेशन में महिलाओं को थ्योरी से लेकर प्रैक्टिकल तक विषय पर बारीकी से जानकारी दी जा रही है.
दी जा रही आग को बुझाने की ट्रेनिंग
हाल ही में दिल्ली के ईस्ट कैलाश में इस ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया था. कैंप में दिल्ली फायर सर्विसेज के एडीओ राजेश शुक्ला ने महिलाओं को ट्रेनिंग के जरिए आग से बचाव के गुण सिखाएं. वीडियो राजेश शुक्ला बताते हैं कि यदि सही समय पर व्यक्ति अपना बचाव कर लें तो आग लगने की घटनाओं में आसानी से जान बचाई जा सकती है. शुक्ला कहते हैं कि महिलाओं को हम हर उस चीज की ट्रेनिंग दे रहे हैं जिससे वो आग को बुझा सके.
सिलेंडर में लगी आग को बुझाने की बताई तकनीक
राजेश शुक्ला बताते हैं कि अक्सर छोटे घरों में आग लगने की घटनाएं सिलेंडर फटने के कारण होती हैं. महिलाओं को ट्रेनिंग में सिखाया जा रहा है कि यदि घर में सिलेंडर फटने से आग लगती है तो कैसे सबसे पहले सिलेंडर पर एक तकनीक के जरिए गीला मोटा कपड़ा डालकर उसकी आग बुझाई जानी चाहिए. इसी तरह से यदि आग लगने का कारण कोई तैलीय पदार्थ है या फिर पेट्रोल और केरोसिन के कारण आग लगी है तो कैसे उस पर अग्निशमन के जरिए काबू पाया जा सकता है. इसी तरह से ट्रेनिंग में हर छोटी बड़ी आग पर काबू पाने की तकनीक उन्हें सिखाया जा रहा है.
इमरजेंसी मेडिकल हेल्प देने के बारे में भी बताया
आग लगने की घटनाओं के दौरान ज्यादातर लोग दम घुटने के कारण बेहोश हो जाते हैं. इस ट्रेनिंग में उन्हें यह भी सिखाया जा रहा है कि कैसे सीपीआर देकर या फिर इमरजेंसी मेडिकल हेल्प देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है. महिलाओं का कहना है कि इस तरह की पहल उनके लिए बहुत मददगार है. सभी महिलाएं अपने आप को एक फायर फाइटर कहने में बहुत गर्व महसूस करती हैं. उनका मानना है कि जरूरत पड़ने पर यदि हम किसी के काम आ सके तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती.