द्वारका जिला पुलिस ने ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जाना चाहता था लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. इसलिए उसने एक के बाद एक तीन घरों में एक साथ चोरी की वारदात को अंजाम दिया.
पकड़ में आए शातिर चोर का नाम अरविंद उर्फ भोला है. पुलिस के मुताबिक अरविंद के खिलाफ इन तीन मामलों के अलावा चोरी के 16 और मामले दर्ज है. पुलिस ने जब अरविंद को गिरफ्तार किया तो उसके पास से पुलिस ने एक सोने की चेन एक सोने का ब्रेसलेट और पांच चोरी के मोबाइल बरामद किए हैं.
तीन घरों में की एक साथ चोरी
17 जनवरी को डाबरी थाना पुलिस को तीन घरों में चोरी की वारदात की शिकायत मिली. तीनों घर आसपास थे. इसलिए पुलिस को आशंका हुई कि कहीं ना कहीं चोरी की इन वारदातों में एक गैंग या एक शख्स शामिल हो सकता है. शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने तीनों घरों के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की. उन तीनों में पुलिस को एक संदिग्ध नजर आया. सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने आरोपी की पहचान की कोशिश की और पुलिस को पता चला कि आरोपी का नाम अरविंद उर्फ भोला है.
ऐसे पकड़ में आया अरविंद
पहचान हो जाने के बाद पुलिस ने अरविंद की तलाश शुरू कर दी. टेक्निकल एविडेंस और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम लगातार रेड करती रही, लेकिन हर बार पुलिस के पहुंचने से पहले अरविंद निकल जाया करता. इसी दौरान दिल्ली पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी अरविंद डबरी के विजय विहार इलाके में आने वाला है जिसके बाद पुलिस ने वहां पर ट्रैप लगा दिया और गुरुवार शाम तकरीबन 6 बजे के आसपास जैसे ही अरविंद वहां पहुंचा पुलिस ने उसे पकड़ लिया. जब पुलिस ने अरविंद की तलाशी ली तो उसके पास से एक सोने की ब्रेसलेट एक सोने की चेन और चोरी के पांच मोबाइल फोन बरामद हुए.
अरविंद के खिलाफ 16 मामले पहले से दर्ज
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पूछताछ में अरविंद ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए जाना चाहता था, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे. इसलिए उसने अकेले ही चोरी की वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस के मुताबिक अरविंद के खिलाफ 16 मामले पहले से दर्ज है यह मामले घरों में चोरी के ही है.
दोस्तों के साथ लगी चोरी की लत
अरविंद के पिता मजदूर थे और उसकी मां घरों में नौकरानी का काम करती थी. अरविंद अपने सात भाइयों में सबसे छोटा था और जानकारी के मुताबिक पैसे ना होने की वजह से वह स्कूल नहीं जा पाया. वह अपने पिता के साथ काम करने लगा था, और इसी दौरान उसकी जान पहचान कुछ ऐसे लोगों से हुई जो चोरी के काम में शामिल थे. धीरे-धीरे अरविंद उनके साथ शामिल हो गया और उसे नशे की भी लत लग गई थी.
-हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट