कोरोना के कारण देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों में कई लोग बेरोजगार हुए. वहीं कई लोगों को सैलरी कटकर मिलने लगी. दिल्ली के विकासपुरी इलाके के रहने वाले बलवीर सिंह बिट्टू जो एयरपोर्ट पर होटलों में ट्रांसपोर्ट का काम करते थे, कोरोना के कारण उनकी भी नौकरी चली गई. कुछ दिन तो वो नौकरी को लेकर काफी परेशान रहे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. बलवीर ने अपने कुछ दोस्तों से पैसे उधार लेकर घर में खाना बनाकर उसे स्कूटी पर रखकर मीरा बाग इलाके में पेट्रोल पंप के बाहर बेचना शुरू कर दिया.
40 रुपये में देते हैं घर का खाना
देखते ही देखते उनका घर में बनाया खाना वहां से आने जाने वाले लोगों को इतना पसंद आने लगा की अब वे इसे कारोबार के तौर पर कर रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि घर का बना खाना महज 40 रुपये में देते हैं. इसमें चावल राजमा, चावल छोले, कढ़ी चावल सहित चावल की कई तरह की वैरायटी हैं. बलवीर सिंह बिट्टू का कहना है कि जब नौकरी गंवाई थी तो बिल्कुल निराश हो गया था लेकिन हार नहीं मानी और हिम्मत जुटाकर छोटी सी एक शुरुआत की थी. शुरू में इक्का-दुक्का लोग ही आते थे तब मन में मायूसी रहती थी लेकिन धीरे-धीरे उनके खाने के स्वाद को लोगों ने पसंद किया और अब वे पूरी मेहनत और शिद्दत से रोज स्कूटर पर घर का बना खाना लाते हैं और लोगों को खिलाते हैं.
लोगों ने की खाने की तारीफ
बलवीर ने कहा कि उनके बच्चों के जो सपने हैं अब वह इसी से पूरा करना चाहते हैं. साथ ही वो लोगों को यह भी कहना चाहते कि कभी भी जीवन में हार नहीं माननी चाहिए. भले ही शुरुआत छोटी हो उसे करना चाहिए और मेहनत से करते रहना चाहिए, परिणाम बेहतर होगा. बलवीर सिंह बिट्टू का खाना खाने आने वाले लोगों में कई ऐसे हैं जो अक्सर यहां आकर खाना खाते हैं और उनका कहना था कि खाने में स्वाद बिल्कुल घर जैसा है और यही वजह है कि वो बार-बार उन्हें बलवीर सिंह बिट्टू का खाना खाने खींचे चले आते हैं.
(मनोरंजन कुमार की रिपोर्ट)