एवरेस्ट माउंटेन पर भी अब मिलेगी सप्लाई, ड्रोन लगाएंगे केवल 6-7 मिनट, सामान ऊपर पहुंचाने से लेकर सफाई तक में मिलेगी मदद

Airlift Technology नाम की कंपनी से जुड़े ड्रोन पायलट मिलन पांडे एवरेस्ट बेस कैंप में बैठकर यह सब कर रहे हैं. वे बिना चढ़ाई किए, सिर्फ ड्रोन उड़ाकर वह मदद पहुंचा रहे हैं जो पहले लोगों को कई बार खतरनाक रास्तों से होकर खुद लेकर जानी पड़ती थी. 

Everest Base Camp: Photo: Airlift Technology Pvt. Ltd.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST
  • सफर पूरा करने में सिर्फ 6-7 मिनट
  • 2024 में शुरू किया गया था ट्रायल

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर चढ़ाई अब थोड़ी आसान और सुरक्षित हो सकती है. ऐसा मुमकिन हो पाएगा ड्रोन की वजह से. माउंट एवरेस्ट में पहली बार ड्रोन की मदद से शेरपाओं को जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है. इससे शेरपा की जिंदगी आसान और सुरक्षित बन सकती है.

Airlift Technology नाम की कंपनी से जुड़े ड्रोन पायलट मिलन पांडे एवरेस्ट बेस कैंप में बैठकर यह सब कर रहे हैं. वे बिना चढ़ाई किए, सिर्फ ड्रोन उड़ाकर वह मदद पहुंचा रहे हैं जो पहले लोगों को कई बार खतरनाक रास्तों से होकर खुद लेकर जानी पड़ती थी. 

सफर पूरा करने में सिर्फ 6-7 मिनट
एवरेस्ट बेस कैंप समुद्र तल से लगभग 5,364 मीटर (17,598 फीट) और Camp One 6,065 मीटर (19,900 फीट) की ऊंचाई पर है. इन दोनों पॉइंट्स के बीच की दूरी सिर्फ 1.8 मील है, जिसे पार करने में शेरपा को 6-7 घंटे लगते हैं, लेकिन ड्रोन की मदद से इसे 6-7 मिनट में पूरा कर लिया जाता है.

शुरुआत में आई कई चुनौतियां
शेरपा मिंगमा जी ने बताया कि 2023 में उन्होंने अपने तीन दोस्तों को एक हिमस्खलन में खो दिया. तभी उन्हें लगा कि ड्रोन जैसी तकनीक उनके काम में मदद कर सकती है. इस आइडिया को आगे बढ़ाया Airlift Nepal के CEO राज बिक्रम ने. जिन्होंने चीन की कंपनी DJI से दो ड्रोन लेकर अप्रैल 2024 में प्रयोग शुरू किया. शुरुआत में उन्हें बहुत चुनौतियां आईं – जैसे तेज हवा, कम तापमान और कमजोर विजिबिलिटी. लेकिन लगातार प्रैक्टिस के बाद टीम ने Camp One से Base Camp तक 1100 पाउंड कचरा ड्रोन के जरिए नीचे लाकर एक बड़ा सफाई अभियान चलाया.

2024 में शुरू किया गया था ट्रायल
जब एवरेस्ट पर ट्रायल शुरू किया गया था तो पहला काम था- कचरा नीचे लाना. करीब 1100 पाउंड (लगभग 500 किलो) कूड़ा कैम्प वन से बेस कैंप तक लाया गया. हर उड़ान में ड्रोन करीब 20 किलो सामान उठाता है ताकि रिस्क कम रहे. अब 2025 की चढ़ाई सीजन में ये ड्रोन पहले सामान ऊपर पहुंचाएंगे और फिर सफाई में मदद करेंगे. ड्रोन एक बार में करीब 44 पाउंड (20 किलो) सामान ले जा सकता है. जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां भी ड्रोन से भेजी जाती हैं. ड्रोन न सिर्फ एवरेस्ट की चढ़ाई को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि शेरपाओं के दशकों से चले आ रहे संघर्ष को भी कम करेगी.
 

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