जब भी हम किसी नए शहर में जाते हैं तो सबसे पहले जो रहने के लिए हम कोई फ्लैट या कमरा ढूंढते हैं. ऐसे में रेंट पर रहना हर किसी की पहली चॉइस होती है. हम ऐसा कमरा या फ्लैट ढूंढते हैं जो हमारे बजट में हो. लेकिन कई बार हम अपने फ्लैट ओनर से परेशान हो जाते हैं. कुछ ओनर काफी स्ट्रिक्ट होते हैं जिसके कारण हम उनसे किसी भी तरह की कोई डिमांड नहीं कर पाते हैं. ऐसे में भारत में रेंट पर रह रहे लोगों के लिए कुछ नियम हैं और कुछ अधिकार उन्हें दिए गए हैं. जो किसी के लिए भी जरूरी है.
1. एग्रीमेंट
अगर आप किसी फ्लैट या रूम पर रेंट देकर रहना शुरू कर रहे हैं तो सबसे पहले अपने मकान मालिक से एग्रीमेंट जरूर बनवा लें. इस लिखे हुए रेंट एग्रीमेंट पर आपके और मकान मालिक दोनों के साइन होते हैं. इसपर उस फ्लैट में रहने की तारीख, कितने समय के लिए रहने वाले हैं ( आमतौर पर 11 महीने का एग्रीमेंट बनता है), वो फ्लैट कितने रुपये में रेंट पर लिया गया है आदि जैसी चीज़ें लिखी होती हैं. इसकी ओरिजिनल कॉपी ओनर अपने पास रख सकते हैं, लेकिन इसकी एक फोटोकॉपी अपने पास जरूर रखें.
2. जरूरी सप्लाई
नियमित पानी की आपूर्ति, बिजली, पार्किंग, सेनिटरी सर्विस आदि जैसी आवश्यक सेवाएं आपके मूल अधिकार हैं और यह सुनिश्चित करना मकान मालिक की जिम्मेदारी है कि आपको ये बुनियादी सुविधाएं मिलें. अगर आपका मकान मालिक आपको ये बुनियादी सुविधाएं नहीं देता है तो आप इसके लिए लीगल एक्शन ले सकते हैं. और अपने मकान मालिक पर भरी जुर्माना भी लगवा सकते हैं.
3. मकान खाली करने से जुड़े नियम
आपका मकान मालिक आपको बिना किसी पूर्व सूचना और ठोस कारण बताए फ्लैट या उनके मकान को खाली करने के लिए नहीं कह सकता है. ज्यादातर मामलों में, नोटिस पीरियड 15 दिनों से 2 महीने के बीच होता है. अगर किरायेदार उस दिए गए टाइम में मकान खाली करने में समर्थ नहीं है तो मकान मालिक मुआवजे के रूप में उसके मासिक किराए को दोगुना कर सकता है.
4. मकान मालिक परमिशन के बगैर एंट्री नहीं कर सकता
एक बार रेंट एग्रीमेंट साइन हो जाने के बाद, फ्लैट किरायेदार का होता है और मकान मालिक आपकी अनुमति के बगैर फ्लैट में एंट्री नहीं कर सकता है. अगर वह ऐसा करता है तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. अगर वह फ्लैट को देखना चाहता है या मरम्मत या फिटिंग करना चाहता है, तो उसे आपको पहले से ही सूचना देनी होगी.
5. नहीं बढ़ा सकता मन मुताबिक किराया
आपको बता दें, आपका मकान मालिक मन मुताबिक किराया नहीं बढ़ा सकता है. अगर आपके एग्रीमेंट में इसका जिक्र किया गया है तब उसे एक लिमिट तक किराया बढ़ाने का हक है और अगर नहीं किया है तो वो आपका किराया नहीं बढ़ा सकता है.
6. फ्लैट की मरम्मत
छोटी मोटी टूट फुट में मकान को ठीक करवाने की जिम्मेदारी आपकी होती है लेकिन बड़ी कुछ टूट-फुट हुई है तो आपका मकान मालिक उसे ठीक करवाने के लिए जिम्मेदार है. अगर वह ऐसा नहीं करवा पाता है तो आप उसकी मरम्मत करवाकर रेंट में से पैसे काट सकते हैं.