आपने इससे पहले शायद ही किसी पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) के वाहन चालक की ऐसी विदाई देखी होगी. जी हां पूरे शहर में इस अनोखी विदाई की चर्चा हो रही है. दरअसल यह उस पुलिस अधीक्षक के ड्राइवर की सेवाओं का फल था जो उसे 34 साल की सेवा के बदले में मिला.
पुलिस सर्विस में 34 साल से अपनी सेवा दे चुके एसपी की गाड़ी के ड्राइवर संपत सिंह शेखावत रिटायर हुए हैं. विदाई समारोह के बाद उस समय वह भावुक पल देखने को मिला जब चूरू पुलिस अधीक्षक खुद अपने सरकारी वाहन के ड्राइवर बन गए और बगल की सीट पर संपत सिंह को बैठकर घर छोड़कर आए.
34 साल दे चुके सेवा
34 साल की सर्विस के बाद संपत सिंह को सेवानिवृत्ति का विदाई समारोह रखा गया था. विदाई समारोह में पुलिसकर्मी साथियों के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक जय यादव भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के बाद संपत सिंह को घर तक छोड़कर आने का कार्यक्रम था. संपत सिंह भी हमेशा की तरह पुलिस अधीक्षक की गाड़ी की ड्राइविंग सीट की ओर चले, तो पुलिस अधीक्षक जय यादव ने उन्हें टोका. उन्होंने संपत सिंह से गाड़ी की चाबी ले ली. इसके बाद संपत सिंह को उन्होंने बगल वाली सीट पर बैठने को कहा.
इसे देखकर सभी अचंभित हो गए. लेकिन दोबारा कहने पर संपत सिंह एसपी जय यादव की बगल की सीट पर बैठ गए. गाड़ी की स्टेयरिंग पुलिस अधीक्षक ने संभाली और संपत सिंह को उनके घर तक छोड़कर आए. इस सब को देख सेवानिवृत हुए संपत सिंह भी भावुक हो गए. पुलिस अधीक्षक जय यादव ने अपने सारथी (ड्राइवर) संपत सिंह शेखावत को रिटायरमेंट पर ऐसा तोहफा दिया कि जिसे वो शायद ताउम्र याद रखेंगे.
26 पुलिस अधीक्षकों के सारथी रह चुके हैं संपत सिंह
रिटायर हुए संपत सिंह 34 साल से पुलिस विभाग में ड्राइवर हैं. वह अपने सर्विस काल में चूरू में पोस्टेड हुए 26 पुलिस अधीक्षकों के सारथी रह चुके हैं. 60 साल के संपत सिंह 31 जुलाई को रिटायर हुए हैं. इस मौके पर पुलिस अधीक्षक जय यादव समेत अन्य अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने उनको समारोह में विदाई दी. संपत सिंह को साफा और माला पहनाई गई, मुंह मीठा करवाकर गिफ्ट दिया गया और उनकी सेवाओं की सराहना की गई.
परिजन भी एसपी को ड्राइविंग सीट पर बैठे देखकर चौंक गए.....
विदाई पार्टी के बाद जब घर जाने का समय आया तो एसपी संपत सिंह को ससम्मान अपनी बगल वाली सीट पर बैठाया और खुद ने कार का स्टेरिंग संभाला. एसपी के इस कदम से न केवल संपत सिंह बल्कि वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए. बाद में एसपी खुद कार चलाकर संपत सिंह को उनके घर तक छोड़कर आए. वहां संपत सिंह के परिजन भी एसपी को ड्राइविंग सीट पर बैठे देखकर चौंक गए और भावुक हो गए.
(विजय चौहान की रिपोर्ट)