Valentine's Day 2022: वैसे तो प्यार के इजहार के लिए कोई एक दिन काफी नहीं होता, प्यार के लिए तो हर दिन खास होता है. लेकिन दौड़ती भागती जिंदगी में एक दिन को सिर्फ प्यार के नाम कर दिया गया है. और इसी प्यार के दिन को वेलैंटाइन डे (Valentine's Day) कहते हैं. वेलेंटाइन डे यानी प्यार का दिन. वेलेंटाइन डे को लेकर युवाओं में खूब उत्सुकता होती है. कप्लस पहले से ही इस दिन की प्लानिंग करने लगते हैं. वैसे तो सड़कों पर गुलाब लिए छोटे छोटे बच्चे दिख ही जाते हैं लेकिन वैलेंटाइन डे के नजदीक आते ही सड़क पर दिखने वाली ये हलचल और बढ़ जाती है. वैलेंटाइन डे एक दिन का जश्न नहीं होता है. ये पूरे एक हफ्ते चलता है यानी 7 फरवरी से शुरू हो कर 14 फरवरी तक वैलेंटाइन डे का खुमार दिखता है.
इसलिए मनाया जाता है वेलेंटाइन डे
फ़रवरी का महीना वैसे तो साल में सबसे छोटा होता है लेकिन इसकी यादें सबसे लंबे वक़्त तक साथ रह जाती हैं. ऐसी ही कुछ यादें हैं जो सालों पहले बनी थी, और उसी की याद में हर फरवरी यादगार बनती है. कहा जाता है कि ‘वेलेंटाइंस डे’ का नाम संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है.
दरअसल रोम में तीसरी सदी में क्लॉडियस नाम के राजा का राज हुआ करता था. क्लॉडियस का मानना था कि शादी करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि खत्म हो जाती है. इसी के चलते उसने पूरे राज्य में यह आदेश जारी कर दिया कि उसका कोई भी सैनिक या अधिकारी शादी नहीं करेगा. लेकिन संत वेलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस हुक्म का विरोध किया और पूरे राज्य में लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया.
संत वेलेंटाइन ने सैनिकों और अधिकारियों की शादी करवाई. अपने आदेश का विरोध देख आखिर क्लॉडियस ने 14 फरवरी सन 269 को संत वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़वा दिया. तब से उनकी याद में यह दिन मनाया जाता है.
कैसे मनाया जाता है वैलेंटाइन वीक
वेलेंटाइन वीक में हफ्ते के अलग-अलग दिन को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. 7 फरवरी को रोज डे पर एक-दूसरे को गुलाब का फूल दिए जाते हैं. 8 फरवरी को प्रपोज डे पर अपने प्यार का इजहार किया जाता है. 9 फरवरी को प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को चॉकलेट देकर चॉकलेट डे के रूप में मनाते हैं. इसके बाद 10 फरवरी को टेडी डे की बारी आती है, जिसमें टेडी बियर या इससे मिलते-जुलते सॉफ्ट टॉयज तोहफे में दिए जाते हैं. 11 फरवरी को प्रॉमिस डे पर प्यार की कसमें खाई जाती हैं, और एक-दूसरे का साथ निभाने के वादे किये जाते हैं. अब इतना सब होने के बाद एक हग तो बनता है. इसलिए 12 फरवरी को मनाया जाता है हग डे, और ठीक इसके अगले दिन यानी 13 फरवरी को किस डे और सबसे आखिर में 14 फरवरी का दिन वैलेंटाइन डे के तौर पर मनाया जाता है.
सेंट वेलेंटाइन सिर्फ ने मरने के बाद भी की थी लोगों की मदद
सैंट वैलेंटाइन की फांसी की घटना के बाद बाद से ही वेलेंटाइन डे का नाम सैंट वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया था - लेकिन हकीकत में सेंट वेलेंटाइन के बारे में कुछ फैक्टस और भी हैं, जिन्हें जाने बगैर वैलेंटाइन डे की जानकारी अधूरी रहेगी. हिस्ट्री डॉट कॉम के मुताबिक , वेलेंटाइन नाम के इस संत को 14 फरवरी सन 269 को मार तो दिया गया था, लेकिन मरने के बाद इसी संत ने बाद में रोम के ईसाइयों को जेल से भागने में मदद की थी.
वेलेंटाइन डे की जड़ें इन त्योहारों से जुड़ी हैं
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वेलेंटाइन डे 14 फरवरी को सेंट वेलेंटाइन की मृत्यु की याद दिलाता है, कुछ का मानना है कि वेलेंटाइन डे की शुरूआत "लुपरकेलिया" नाम के एक मूर्तिपूजक से हुई थी जो प्राचीन रोम में 15 फरवरी को मनाया जाता था. ये दिन कृषि के रोमन देवता फॉनस और रोमन संस्थापक रोमुलस और रेमुस को समर्पित है, इस दिन को जानवरों की बलि देकर और महिलाओं को जानवरों की खाल से सूँघाकर मनाया जाता था, ऐसा माना जाता था कि ऐसा करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ती है.
1300 के दशक में वैलेंटाइन बना ऑफिशियल वैलेंटाइन डे
5वीं शताब्दी के अंत में, रोमन पोप गेलैसियस ने आधिकारिक तौर पर 14 फरवरी की तारीख "सेंट वेलेंटाइन डे" घोषित की. हांलाकि मध्य युग तक ऐसा नहीं होता था. इस दिन की छुट्टी को खास तौर से प्यार और रोमांस के लिए ही दिया गया. इस पंरपरा की शुरुआत फ्रांस और इंग्लैंड में हुई थी ऐसा बताया जाता है कि पक्षियों के मिलन का मौसम भी 14 फरवरी से शुरू होता है.