कई बार किसी अपने का बेवक्त दुनिया से चले जाने का हम पर इतना गहरा असर पड़ता है कि हमारी पूरी ज़िन्दगी बदल जाती है. किसी के जाने का दुःख तो कोई कम नहीं कर सकता है लेकिन इस दुःख से उबरने के लिए अपना कोई मकसद चुना जा सकता है. जैसा कि फरीदाबाद के मनोज वाधवा ने किया.
हरियाणा में फरीदाबाद के सेक्टर-16 में रहने वाले मनोज वधवा पिछले 8 सालों से सड़कों पर गड्ढे भर रहे हैं. क्योंकि सड़कों पर गड्ढों के कारण होने वाली एक दुर्घटना में उन्होंने अपने तीन साल के बेटे पवित्र को खो दिया था. जिसका दर्द इनके सीने में आज भी जिंदा है. और अब वह नहीं चाहते कि जो दर्द उन्होंने सहा है वह दर्द कोई और सही. इसलिए वह पिछले 8 सालों से सड़कों पर गड्ढे भरने की मुहिम को चला रहे हैं.
बेटे की मौत ने दिया मकसद:
मनोज न सिर्फ गड्ढे भरते हैं बल्कि लोगों को इससे संबंधित उनके अधिकारों के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं. मनोज के मुताबिक उनके बेटे की मौत को 8 साल हो चुके हैं. और आज उनकी लड़ाई उस ठेकेदार और उस सरकारी विभाग के खिलाफ है जिनका उत्तरदायित्व सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाना था.
लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके साथ एक दर्दनाक हदसा घट गया. उन्होंने बताया कि 8 साल पहले वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ जा रहे थे. लेकिन रस्ते में गड्ढे में आने के कारण उनका व्हीकल डिसबैलेंस हुआ और उनकी पत्नी और बेटा गिर गए.
इससे पहले की वह बच्चे को उठाते उसके ऊपर से पीछे तेजी से आ रहा वाहन गुजर गया और बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई.
मनोज के मुताबिक वह प्रदर्शन कर लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं. इसके अलावा वह अपने बच्चे को न्याय दिलाने के साथ-साथ आम लोगों को गड्ढा मुक्त सड़क उपलब्ध करवाने के लिए भी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
(फरीदाबाद से सचिन गौड़ की रिपोर्ट)