Daughter-in-law's Wedding: समाज में कई किस्से ऐसे बनते हैं, जो मिसाल बन जाते हैं और जिंदगीभर याद रह जाते हैं. हाल में गुजरात के सबसे बड़े शक्तिपीठ अंबाजी में भी कुछ ऐसा ही हुआ. एक ससुर ने अपनी बहू का कन्यादान करके अनोखी मिसाल पेश की है. दरअसल, प्रवीण सिंह राणा के बेटे की साल भर पहले मौत हो गई थी. इसके बाद बहू और पोती अकेले पड़ गए थे, लेकिन प्रवीण सिंह राणा ने एक पिता का फर्ज निभाया और बहू की दूसरी शादी धूमधाम से कराई. बहू का कन्यादान भी किया.
खो दिया था बेटे को
प्रवीण सिंह ने बीते साल अपने बेटे को खो दिया था. पिछला साल उनके घर दीवाली का त्योहार दुखों का पहाड़ लेकर आया था. इस पर्व के दिन ही प्रवीण सिंह के बड़े लड़के सिद्धराज सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. सिद्धराज सिंह की जब मौत हुई तब उनकी बेटी दीक्षिता महज 6 महीने की थी. सिद्धराज की पत्नी कृष्णा पर दुखों का पहाड़ गिर गया था. अब उनके ससुर ने अपनी बहू को बेटी मानकर फिर से शादी कराकर एक पिता का फर्ज निभाया.
दुखद घटना के बाद लिया यह फैसला
प्रवीण सिंह राणा, अंबाजी के पेट्रोल पंप के पीछे परिवार के साथ रहते थे. उनके बड़े बेटे की मौत के बाद वह अपनी बहू को नया जीवन देना चाहते थे. बही की कम उम्र में जीवनसाथी के बगैर अकेल हो जाना और साथ में छोटी बच्ची होना उसके लिए बड़ा संघर्ष था. ऐसे में प्रवीण सिंह ने समाज की परवाह किए बीना अपनी बहू की फिर से धामधूम से शादी कराकर पिता का फर्ज निभाया. उन्होंने अपनी बहू का हाथ बेटे के जिगरी दोस्त संजय को सौंपा, जिन्होंने कृष्णा और 1 साल की पोती को बेहतर जिंदगी देने का संकल्प लिया.
रखूंगा दोनों का ख्याल
संजय ने कहा, सिद्धार्थ मेरा जिगरी दोस्त था. उसकी वाइफ कृष्णा भी मेरी फ्रेन्ड है. मैंने सोचा कि एक बच्ची को और उसकी मां को सहारा देना सबसे बड़ा काम है. मैं दोस्त की बेटी ओर बहू को नया जीवन देना चाहता था. इसके लिए मैंने सिद्धार्थ के पिता प्रवीण सिंह से बात की. वह दोनों की शादी करने पर राजी हो गए. संजय ने कहा कि मैं कृष्णा उसकी बेटी दोनों का ख्याल रखूंगा. ट्रेन से विदाई होते समय छोटी पोती दादा को प्यार करते नजर आई.
(शक्ति सिंह व जगत सिंह की रिपोर्ट)