Father's Day 2022: पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगी... जब पिता के साथ से बेटियों ने खड़ा किया करोड़ों का कारोबार

बच्चों के जीवन में पिता के महल्व को पहचान देने के लिए Father's Day मनाया जाता है. हर साल जून के तीसरे रविवार को यह दिन मनाते हैं. इन मौके पर पढ़ें इन तीन सफल पिता और बेटियों के बारे में.

Father's Day 2022 (Photo: Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 19 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST
  • हर साल जून के तीसरे रविवार को Father's Day मनाया जाता है
  • पिता अपने बच्चों के लिए न केवल रोल मॉडल होते हैं बल्कि उनका सुरक्षा कवच होते हैं जो कभी बच्चों पर कोई आंच नहीं आने देते

हर साल जून के तीसरे रविवार को Father's Day मनाया जाता है. पिता अपने बच्चों के लिए न केवल रोल मॉडल होते हैं बल्कि उनका सुरक्षा कवच होते हैं जो कभी बच्चों पर कोई आंच नहीं आने देते. इस साल 19 जून को Father's Day मनाया जा रहा है. वैसे तो माता-पिता को अपना हर एक बच्चा प्यारा होता है. 

लेकिन पिता का अपनी बेटी के साथ एक अलग ही कनेक्शन होता है. कहते हैं कि पिता को बेटों से भी ज्यादा प्यारी होती हैं बेटियां. और बेटियां भी अपने पिता के साथ से आज ऊंचाइयों को छू रही हैं. आज Father's Day के मौके पर हम आपको बता रहे हैं ऐसी ही कुछ पिता और बेटी की जोड़ियों के बारे में जिन्होंने साथ में मिलकर बुलंदियों को छुआ है. 

1. अखिलेश पाठक और स्वप्निल पाठक - अरोमेज़िया (Aromezeia)
Aromezeia कंपनी को अखिलेश पाठक और उनकी बेटी स्वप्निल पाठक ने शुरू किया. एक एक्सीडेंट में अखिलेश का कंधा टूट गया था और उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. उन्हें अरोमाथेरेपी तेल बनाने में 33 वर्षों के अनुभव है और इसलिए अखिलेश ने अपने लिए जड़ी-बूटियों का मिश्रण कर एक तेल तैयार किया. 

इस तेल से न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को भी दर्द में राहत मिली. उनके इस हुनर को आज आसमान की ऊंचाइयों तक उनकी बेटी लेकर जा रही है. उनकी बेटी, स्वप्निल, Aromezeia के जरिए प्राकृतिक रूप से बनाए गए एशेंसियल ऑयल उपलब्ध करा रही है. 

पाठक परिवार 1911 से अरोमाथेरेपी तेल, हाइड्रोसोल, फ्लेवर और सुगंध बना रहा है. लेकिन अखिलेश ने अपनी बेटी के साथ से, 2014 के अंत में उत्तराखंड में एक मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट शुरू की. आज पिता और बेटी मिलकर अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देशों में Aromezeia के उत्पादों को भेजते हैं. 

2. नरेंद्र नाथ मेहरोत्रा ​​और दीप्ति मेहरोत्रा ​- जीवनिया नेचुरल्स (Jeevaniya Naturals)
लगभग तीन दशक पहले, डॉ नरेंद्र नाथ मेहरोत्रा ​​ने जीवनिया सोसाइटी शुरू की. यह एक एनजीओ है जो पारंपरिक स्वास्थ्य, खेती और शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है. डॉ नरेंद्र की बेटी दीप्ति मेहरोत्रा ​​ने देखा कि जैविक उत्पादों की मांग अक्सर पूरी नहीं होती है. और तब इस पिता और बेटी की जोड़ी ने Jeevaniya Naturals की शुरुआत की. उनका लखनऊ में एक स्टोर है और जैविक किसानों के नेटवर्क से आने वाले सभई तरह के उत्पाद यहां उपलब्ध हैं. 

3. मिताली टंडन और भरत टंडन - मॉर्निंग फ्रेश (Morning Fresh)
मिताली टंडन Morning Fresh की फाउंडर और सीईओ हैं. अपने कॉलेज के समय में उन्होंने कर्नाटक के स्पास्टिक सोसाइटी जैसे संगठनों में काम किया, और वह 'यंग एंटरप्राइज' समूह का हिस्सा थीं. कर्नाटक में दलितों और आदिवासियों के लिए उन्होंने काम किया। लेकिन इसके बाद जब उन्होंने अपने पिता के बिजनेस में काम किया तो उन्हें एक अलग आइडिया मिला.

एडीएच (ADH) लीवर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंजाइम है जो अल्कोहल के ब्रेक-डाउन में मदद करता है. अपनी बेटी के आइडिया को भरत ने सपोर्ट किया औप उनके साथ काम किया. उन्होंने पाया कि रेशम प्रोटीन में कुछ पेप्टाइड्स इसके उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं. यह आइडिया काम कर गया और यहां से Morning Fresh की शुरूआत हुई जो आसानी से हैंगओवर को दूर करने के लिए मॉर्निंग सॉल्यूशन उपलब्ध कराती है. 

 

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