मध्य प्रदेश के भोपाल में एक भिखारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उसके खिलाफ भीख मांगने की वजह से केस दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में भीख मांगने के खिलाफ कानून है. इस कानून के तहत कार्रवाई होती है.
भीख मांगने पर FIR दर्ज-
भोपाल में भीख मांगने को लेकर एक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल ने बताया कि एमपी नगर थाने में एक फरियादी आया था. जिसने शिकायत दी थी कि बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक भिखारी से उसका हाथ पकड़कर भीख मांगी थी. फरियादी ने भिखारी की शारीरिक बनावट देखकर उससे भीख मांगने की वजह पूछी और कहा कि तुमको कोई शारीरिक समस्या नहीं है और तुम कुछ और काम भी कर सकते हो, फिर भीख क्यों मांग रहे हो? इसपर भिखारी ने कहा कि वो सिर्फ यही काम करता है और इसी से उसका गुजारा हो रहा है. इसके बाद फरियादी ने एमपी नगर थाने आकर भिखारी के खिलाफ आवेदन दिया. जिसके आधार पर भिखारी के खिलाफ मध्य प्रदेश भिक्षा वृद्धि निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई और उस भिखारी को पकड़ लिया गया है.
पुलिस ने बताया कि लंबे समय से इस तरह की शिकायतें आ रही थीं कि शहर के प्रमुख चौराहों पर सिग्नल लाल होते ही भिखारी पैसे मांगने आ जाते हैं, जो देखने से भिक्षा के पात्र नहीं लगते. लेकिन वो इस तरह से मजबूर कर देते हैं कि लोगों को भीख देनी पड़ती है. इसी को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है.
क्या है भीख मांगने के खिलाफ कानून-
मध्य प्रदेश में भीख मांगना रोकने के लिए भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम 1973 लागू है. इस कानून के तहत पहली बार पकड़े जाने पर 2 साल की सजा हो सकती है. जबकि दूसरी बार पकड़ने जाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसकी जिम्मेदारी पुलिस के साथ सामाजिक न्याय विभाग की भी है.
भिखारियों को सामान्य जीवन में लाने की सुविधा-
इस कानून के मुताबिक भिखारियों के पुर्नवास और ट्रेनिंग देकर सामान्य जीवन में लौटे के उपाय करने का भी प्रावधान है. इसमें उनको चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का प्रावधान है. भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण देने का भी प्रावधान है, ताकि वो सामान्य जीवन जी सकें.
(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: