रंग ला रहा है किन्नर समुदाय का संघर्ष, महाराष्ट्र में बना पहला पब्लिक ट्रांसजेंडर शौचालय

किन्नर समाज के लोग लगातार अपनी पहचान और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं और अब उमके प्रयास रंग ला रहे है. धीरे-धीरे ही सही मगर समाज में उन्हें अपनी जगह मिल रही है. मुंबई में बना पहला ट्रांसजेंडर शौचालय इसका उदाहरण है.

किन्नर समाज के लोगों के लिए बनाया गया स्पेशल शौचालय
पारस दामा
  • मुंबई,
  • 05 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST
  • ट्रांसजेंडर्स को है मूलभूत सुविधाओं का अधिकार
  • महाराष्ट्र में बना पहला ट्रांसजेंडर शौचालय

किन्नर समाज बहुत सालों से भेदभाव सह रहा है. किन्नर समाज के लोग लगातार अपने वजूद और अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. पर आज भी उन्हें न तो समाज में समान दर्जा मिला है और न ही अपने हिस्से की मूलभूत सुविधाएं, जिनमें शौचालय भी शामिल होता है. आज के आधुनिक जमाने में LGBTQ समुदाय को शौचालय जैसी बेसिक सुविधा के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. 

पर कहते हैं कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. इसलिए अब इ समुदाय के संघर्ष को मुकाम मिलने लगा है. मुंबई के गोरेगांव इलाके में किन्नर समाज के लिए शौचालय बनाया गया है. ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो और उनका सम्मान भी बना रहे. यह शौचालय महाराष्ट्र का पहला ट्रांसजेंडर शौचालय है.

ट्रांसजेंडर्स को है मूलभूत सुविधाओं का अधिकार

सप्रीम कोर्ट के NALSA Judgement और Transgender Persons Act, 2019 के तहत, ट्रांसजेंडर्स को मूलभूत सुविधाएं जैसे शिक्षा का अधिकार, मतदान, आधार कार्ड आदि का अधिकार है और सरकार द्वारा ये सभी सुविधाएं उन्हें मिलनी चाहिएं. 

इनके साथ-साथ वे स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय के भी हकदार हैं. पर मुंबई में अब तक ऐसा नहीं हुआ था. कुछ कंपनियों ने जेंडर न्यूट्रल वॉशरूम की अवधारणा शुरू की है, लेकिन अभी तक सार्वजनिक रूप से ऐसा नहीं हुआ था. हालांकि, अब इसकी शुरूआत हो चुकी है और यह शौचालय इसका एक बेहतरीन उदाहरण है. 

 

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