Gen Z के लिए सोशल मीडिया है शॉपिंग मॉल, शॉपशियलाइजिंग में एक्सपर्ट, स्पैंडिंग बढ़कर हुआ 860 बिलियन डॉलर

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और स्नैपचैट की पैरेंट कंपनी स्नैप इंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जेनरेशन जेड का सामूहिक खर्च 860 बिलियन डॉलर है, जो भारत की कुल खपत का करीब 43 फीसदी है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST
  • खरीदारी से पहले जेन Z करते हैं पूरी रिसर्च
  • Gen Z अलग-अलग कैटेगरी में खर्च को प्रभावित कर रहे

कंसल्टिंग फर्म Boston Consulting Group की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की जेनरेशन जेड आबादी 37.7 करोड़ से अधिक है और इनकी ओवरऑल स्पैंडिंग लिमिट 860 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो 2035 तक 2 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगी. जनरेशन Z पहले से ही भारत के उपभोक्ता खर्च का 43 प्रतिशत हिस्सा चला रही है.

इस रिपोर्ट में खर्च पैटर्न पर भी बात की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक 860 बिलियन डॉलर में से 200 बिलियन डॉलर डायरेक्ट स्पैंडिंग है जबकि बाकी के 660 बिलियन डॉलर किसी न किसी से इंफ्यूएंस्ड या फिर रिकमेंडेशन है.

कुल खर्च का 50 फीसदी जूतों पर
रिपोर्ट में कहा गया है कि Gen Z अलग-अलग कैटेगरी में खर्च को प्रभावित कर रहे हैं. ये अपने कुल खर्च का 50 फीसदी जूतों पर, 48 फीसदी खाने पर, 48% एंटरटेनमेंट पर और 47% लाइफस्टाइल और फैशन पर करते हैं! रिपोर्ट में बाकी खरीदारों और Gen Z के बीच तुलनात्मक आंकड़े पेश किए गए हैं. पूरे बाजार में सभी उम्र के लोग खर्च करते हैं, इनका प्रतिशत 100 में से निकाला गया है.

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शॉपशियलाइजिंग में एक्सपर्ट
जनरेशन जेड फैशन, खाने-पीने से लेकर ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स तक पर होने वाले खर्च को प्रभावित कर रही है. लगभग 45 प्रतिशत बिजनेस जनरेशन जेड की क्षमता को पहचान गए हैं और वे अपने बिजनेस मॉडल में इन्हें टारगट करते हैं. Gen Z शॉपशियलाइजिंग पर भरोसा रखते हैं और अपनी खरीदारी भी इसी को ध्यान में रखते हुए करते हैं. इनके लिए सोशल मीडिया ही शॉपिंग मॉल है. विजुअल्स और वीडियो कॉल के जरिए अपने खरीदारी के अनुभवों को दूसरों के साथ शेयर करना शॉपशियलाइजिंग कहलाता है. जेन Z सोशल मीडिया शॉपशियलाइजिंग से इतनी इंफ्यूएंस्ड है कि इसके आधार पर ही स्पैंडिंग करती है.
 



खरीदने से पहले पूरी रिसर्च
जनरेशन जेड, मिलेनियल्स के बराबर ही खरीदारी करते हैं लेकिन फर्क इतना है कि जेन Z अपने खर्च पर 1.5 गुना ज्यादा रिसर्च करते हैं. आसान भाषा में कहें तो कौन सी चीजें ट्रेंड में हैं, कौन सा ब्रांड बेहतर है, ये सब जानने समझने के बाद ही जेन Z खरीदारी करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हर चार जेनरेशन जेड में एक सदस्य के पास जॉब है.

77 फीसदी जनरेशन जेड यूजर्स अपनी बात कहने के लिए विजुअल का सहारा लेते हैं. यानी कोई चीज पसंद आई या नहीं आई ये बताने के लिए फोटो-वीडियो, जीआईएफ एवं इमर्सिव विजुअल्स का सहारा लेती है.

 

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