Ghol Fish: इस मछली को Gujarat में मिला स्टेट फिश का दर्जा, एक की कीमत 5 लाख रुपए, दवा और दारू बनाने में आती है काम

Gujarat State Fish: घोल मछली से कई डिशेज तैयारी की जाती हैं. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल बीयर और वाइन बनाने में भी किया जाता है. इसमें मिलने वाला एयर ब्लेडर का प्रयोग दवा बनाने में किया जाता है. जिस मछुवारे को यह मछली मिल जाती है, वह लखपति हो जाता है.

Ghol Fish
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST
  • घोल फिश के एयर ब्लेडर का प्रयोग किया जाता है दवा बनाने में 
  • जितनी लंबी मछली, उसकी उतनी ही ज्यादा कीमत

घोल मछली को गुजरात की स्टेट फिश घोषित कर दिया गया है. अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में आयोजित ग्लोबल फिशरिश कॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने घोल फिश को स्टेट फिश घोषित किया. एक घोल मछली की कीमत करीबन 5 लाख रुपए तक जाती है. आइए जानते हैं इस फिश की खासियत.  

ये राज्य भी घोषित कर चुके हैं स्टेट फिश
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने घोल फिश को स्टेट फिश घोषित किए जाने के बारे में बात करते हुए कहा कि कुछ समय पहले मत्स्य विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपनी अपनी स्टेट फिश की घोषणा की थी. 

गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्री इलाकों में पाई जाती है
घोल मछली में कई सारी ऐसी खूबियां हैं, जो सेहत और टेस्ट, दोनों के ही लिहाज से अच्छी मानी जाती हैं. घोल फिश भारत में देखी जाने वाली सबसे बड़ी मछलियों में से एक है. गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्री इलाकों में ये मछली खूब देखने को मिलती है. इसका रंग हल्का गोल्डन और ब्रांज तांबयी रंग होता है. स्वाद और स्वास्थ्य के गुणों की वजह से इसकी काफी डिमांड रहती है. घोल मछली पाने वाले मछुवारे साल में करोड़ों रुपए की कमाई कर लेते हैं.

इस मछली से कई डिशेज की जाती हैं तैयार
घोल मछली से कई डिशेज तो तैयारी की ही जाती हैं. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल बीयर और वाइन बनाने में भी किया जाता है. यहीं नहीं, इसमें मिलने वाला एयर ब्लेडर का प्रयोग दवा बनाने में किया जाता है. इसका मीट और एयर ब्लेडर अलग-अलग बेचा जाता है. एयर ब्लेडर मुंबई से एक्सपोर्ट किया जाता है. 

घोल फिश में मौजूद पोषक तत्व
घोल फिश एक ऐसी समुद्री मछली है, जो कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें ओमेगा 3, आयोडीन, आयरन, मैग्नीशियम, सेलेनियम, डीएचए, ईपीए, फ्लोराइड आदि पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं. इसमें मौजूद ओमेगा 3, डीएचए, ईपीए छोटे बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

घोल फिश खाने के फायदे
1. घोल मछली में मौजूद डीएचए और ईपीए न केवल शिशु के विकास के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी हैं. जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है, उन्हें इस मछली का सेवन जरूर करना चाहिए.
2. इसमें मौजूद ओमेगा 3 शिशु के दिमाग पर पॉजिटिव असर करता है. इससे शिशु के दिमाग का विकास सही तरीके से होता है. याद्दाश्त मजबूत होती है, तर्क शक्ति बढ़ती है. घोल फिश में मौजूद ओमेगा 3 मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकास के लिए लाभदायक होता है.
3. यदि आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा जवां और हेल्दी बनी रहे तो घोल मछली का सेवन करें. इसमें मौजूद ओमेगा 3 झुर्रियों को रोक सकता है. त्वचा की ताजगी बरकरार रहती है. 
4. शरीर में कई बार इंफ्लेमेशन की समस्या शुरू हो जाती है, जिससे त्वचा का काफी हद तक नुकसान पहुंचता है. ऐसे में ओमेगा 3 शरीर में होने वाले इंफ्लेमेशन की समस्या को भी कम करता है.
5. घोल मछली में कई विटामिन, खनिज, प्रोटीन आदि होते हैं. ये सभी तत्व आंखों को हेल्दी रखने में सहायक होते हैं.
6. घोल मछली में मौजूद विटामिन, खनिज और प्रोटीन दिल के लिए भी लाभदायक होते हैं. जो भी व्यक्ति यह मछली खाते हैं, उनमें हृदय से संबंधित समस्याएं बहुत कम होने की संभावना होती है.
7. यह एक ऐसी मछली है, जिसके सेवन से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. इससे मांसपेशियां टोन होती हैं. इसके सेवन से पाचनशक्ति भी दुरुस्त होती है. 

(अतुल तिवारी की रिपोर्ट)

 

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