Gujarat boy doing organic farming: आईआईटी की तैयारी छोड़कर जैविक खेती करने लगा यह युवा, स्ट्रेस-फ्री लाइफ के लिए बनाया The Joy Jungle फार्म

गुजरात में एक 25 साल का लड़का भाग-दौड़ भरी जिंदगी को छोड़कर गिर वन में सुकून भरी जिंदगी जी रहा है और जैविक खेती करके शुद्ध खा रहा है.

Siddhartha Kubavat doing organic farming (Photo: Instagram/@joyjungle9)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST
  • IIT में जाने का था सपना
  • खुद उगाते हैं अपना खाना

ऊंची इमारतें, हाइवे, एक्सप्रेस वे जैसी चीजें एक तरफ डेवलेपमेंट का मार्क हैं तो दूसरी तरफ हमें प्रकृति से दूर करती नजर आती हैं. बड़े शहरों को आजकल कंक्रीट का जंगल कहा जाता है जहां हम जिंदगी में सिर्फ भाग रहे हैं. इस भागती-दौड़ती जिंदगी में अक्सर हम सब यही सोचते रह जाते हैं कि क्या इस सबसे दूर किसी सुकून भरी जगह पर जाने का कोई रास्ता है? अगर राह हो तब भी चकाचौंध की जिदंगी को छोड़ना इतना आसान नहीं है.  

हालांकि, आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे 25 साल के लड़के के बारे में जो शहर के एशो-आराम को छोड़ गिर वन में जैविक खेती कर रहा है. सिद्धार्थ कुबावत खुद खेती करके अपना खाना उगाते हैं और अब तनाव और केमिकल्स से मुक्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं. गुजरात के जूनागढ़ से आने वाले सिद्धार्थ को बहुत कम उम्र में समझ में आ गया कि जिंदगी में अगर शांति और शुद्धता न हो तो कैसी चकाचौंध. 

IIT में जाने का था सपना 
सिद्धार्थ अपने स्कूल के दिनों से ही आईआईटी पास करना चाहते थे और एक सफल कुशल इंजीनियर बनना चाहता था. उन्होंने स्कूल की पढ़ाई के दौरान आईआईटी की तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन एक समय बाद उन्हें समझ आया कि वह सिर्फ भाग-दौड़ का हिस्सा बन रहे हैं और जिंदगी में कुछ करने के लिए IIT जरूरी नहीं है. उन्होंने सोचा कि ये संस्थान लोगों के बजाय मशीनों का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन वह सीखना चाहता था कि मशीन को कैसे चलाना है न कि कैसे बनाना है. 

उन्होंने IIT की तैयारी छोड़कर इस बात पर ध्यान दिया कि उनकी दिलचस्पी किस चीज में है. इसके लिए उन्होंने खुद को एक साल दिया. उन्होंने कई कोर्स ट्राई किए लेकिन समझ नहीं आए और आखिरकार उनका दिल लगा तो खेती और प्रकृति से. उन्होंने जैविक खेती पर एक वर्कशॉप ली और पर्माकल्चर जैसे कॉन्सेप्ट सीखे. वह जैविक खेती से इतना प्रेरित हुए कि उन्होंने इसे आय के स्रोत में बदलने का फैसला किया. नतीजतन, उन्होंने 2020 में गिर के जंगल में खेती के लिए जमीन खरीदी. 

खुद उगाते हैं अपना खाना
सिद्धार्थ ने अपने और अपने आसपास के लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली जीने का निर्णय लिया. उन्होंने स्वस्थ आहार अपनाकर शुरुआत की. उन्होंने केवल प्राकृतिक रूप से उत्पादित उर्वरकों और खाद का उपयोग करके जैविक खेती शुरू की, और उन्होंने ज्यादा अच्छी उपज के लिए कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया. वह इंटर-क्रॉपिंग करके अच्छी फसल ले रहे हैं. 

पपीता, आम, ड्रैगन फ्रूट, कीवी और कटहल के अलावा, वह अपने खेत में बीन्स, बैंगन, करेला और अन्य जैविक और रसायन मुक्त फल और सब्जियां भी उगाते हैं. यहां तक ​​कि वह गुलाब और गेंदे के फूल भी उगाते हैं.सिद्धार्थ शायद ही कभी अपने घर के बाहर से किराने का सामान खरीदते हैं. उन्होंने अपना फार्म को The Joy Jungle फार्म का नाम दिया है क्योंकि यहां काफी खुशहाली और सुकून है. 

सबसे अच्छी बात है कि अब वह दूसरों को भी जैविक खेती करना सिखा रहे हैं. सिद्धार्थ ने आठ से ज्यादा रेजिडेंशियल वर्कशॉप्स के माध्यम से 36 से ज्यादा लोगों को सिखाया है. आगे वह अपने फार्म पर मिट्टी का घर बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. 

 

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