गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक 24 साल के इंजीनियर के मामले में हस्तक्षेप किया, जिसका Google खाता लॉक हो गया था. इंजीनियर ने नहाए जाने बाद की बचपन की तस्वीर अपलोड की थी जिसके बाद एकाउंट को "एक्सप्लीसीट कंटेट"-चाइल्ड पोर्न ग्राफी के लिया गूगल ने लॉक कर दिया था. इस वजह से नील अपने किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग नहीं कर पा रहा था.
सब कुछ आज है गूगल से लिंक्ड
नील का कहना है कि आज के टेक्नोलॉजी वाले युग में सभी चीज गूगल से लिंक होती है, जिसकी वजह से गूगल अकाउंट बंद होने पर दूसरे किसी अकाउंट का बैकअप नहीं ले सकते. नील कहते हैं, “साथ ही मेरी कुछ महत्वपूर्ण यादें गूगल ड्राइव में रखी हैं, जिसका मेरे पास अब कोई बैकअप नहीं है. नील ने अपनी ओर से गूगल को कई बार समझाने का प्रयास किया. लेकिन वहां से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तौर पर ही रिप्लाई आ रहा था.
नील ने ली हाई कोर्ट की मदद
नील ने सरकार से भी मदद ली, पर वहीं से भी कोई उपाय नहीं हुआ. इसके बाद नील के पास केवल हाईकोर्ट का ही रास्ता ही बचा था. आखिर में उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 5 अप्रैल को उनके अकाउंट डिलीट होना था, उससे पहले ही गुजरात हाई कोर्ट ने गूगल को अकाउंट डिलीट करने पर रोक लगा दी.
नील के वकील ने क्या कहा?
उनके वकील ने कोर्ट में कहा था कि नील का गूगल एकाउंट साल 2013 से एक्टिव है. इसमें फोटो, ईमेल और व्यावसायिक लेनदेन सहित मूल्यवान डेटा शामिल है. इसके अलावा, एकाउंट सस्पेंड होने की वजह से इंजीनियर को Google Pay का उपयोग भी नहीं कर पा रहा. इसे देखते हुए जस्टिस वीडी नानावटी (VD Nanavati) ने एक आदेश जारी कर गूगल को इंजीनियर का अकाउंट डिलीट करने से रोक लगाई है.
गूगल को भेजा था नोटिस
नील को 11 मई, 2023 को गूगल ने बताया था कि उनका एकाउंट उपरोक्त फोटो अपलोड करने के कारण ब्लॉक कर दिया गया है , जिसे Google ने "एक्सप्लीसीट कंटेट"-चाइल्ड पोर्न ग्राफी के रूप में चिह्नित किया था.
अगस्त 2023 में Google को कानूनी नोटिस भेजने के बावजूद, नील को कोई जवाब नहीं मिला. उनकी याचिका के बाद, हाई कोर्ट ने 15 मार्च को Google को नोटिस जारी किया, लेकिन Google ने अभी तक जवाब नहीं दिया है. नील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए जस्टिस नानावटी ने गूगल को अकाउंट को स्थायी रूप से डिलीट न करने का निर्देश दिया दिया है.
(बृजेश दोषी की रिपोर्ट)