विधवा महिला को ससुराल में कहा गया- 'लाल नहीं सफेद साड़ी पहनो, मोबाइल नहीं हाथ में माला लेकर जपो, विधवा हो तो अब घर से बाहर निकलना बंद'

अहमदाबाद के साबरमती में रहने वाली एक महिला ने अपने पति के निधन के बाद ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. विधवा महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि, उसके पति की मौत के बाद परिवार की तरफ से उसे कहा गया कि, तुम्हें अब लाल कपड़े नहीं पहनने हैं, सफेद साड़ी ही पहननी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 18 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

अहमदाबाद के साबरमती में रहने वाली महिला ने अपने पति के निधन के बाद ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. विधवा महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि, उसके पति की मौत के बाद परिवार की तरफ से उसे कहा गया कि, "तुम्हें अब लाल कपड़े नहीं पहनने हैं, सफेद साड़ी ही पहननी है. मोबाइल इस्तेमाल नहीं करना है, घर से बाहर नहीं निकलना है. एक रूम में बैठकर माला जपो, विधवा की जिंदगी जिओ. तुम एक्टिवा नहीं चलाओगी". इतना ही नहीं इस महिला के साथ मारपीट के अलावा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न भी किया गया है.

ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाली विधवा महिला का कहना है, "मेरी शादी 17 फरवरी 2013 को हुई थी. शादी के बाद मुझे मेरे पति के साथ वडोदरा रहने भेज दिया गया था. साल 2018 में मेरी सास को कैंसर होने पर मैं उनके इलाज के लिए पति के साथ चांदखेड़ा रहने चली आई थी. जिसके छह महीने बाद मेरे ससुर को भी कैंसर हुआ था. हम जिस घर में रहते थे वहीं ऊपर के फ्लोर पर मेरे जेठ और जेठानी अपने दो बच्चों के साथ रहा करते थे. वह कभी मेरे सास और ससुर को देखने तक नहीं आते थे."

विधवा महिला ने कहा, "मेरी सास की मौत अगस्त 2019 में हुई. जिसके बाद मेरे पति का काम अहमदाबाद में सेट नहीं होने पर वह दोबारा वडोदरा चले गए और मैं अपने ससुर की सेवा के लिए अहमदाबाद में ही रुकी थी."

विधवा महिला ने अपनी आपबीती बयां करते कहा है, "मैं अपने ससुर की सेवा अहमदाबाद में रहकर करती थी. तब मेरी जेठानी मुझसे छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करती और हमारा कोई बच्चा नहीं होने की वजह से मुझे बांझ कहकर ताने मारती. मेरे जेठ भी मेरी जेठानी का पक्ष लेकर मुझे ताने मारते रहते थे. मेरे पति ने इसके बाद मुझे वडोदरा बुला लिया लेकिन मेरे ससुर ने मुझे दोबारा अपना ध्यान रखने के लिए चांदखेड़ा बुलवा लिया. कैंसर से पीड़ित मेरे ससुर की 11 नवंबर 2022 को मौत हो गई. जिसके बाद सारी धार्मिक क्रियाएं खत्म करके अपने पति के साथ वडोदरा लौट गई थी."

कुछ समय के बाद विधवा महिला के चाचा ससुर की 13 मई 2024 को पुण्यतिथि पर पूरा परिवार अहमदाबाद में इकट्ठा हुआ तब महिला के पति ने उसके जेठ से कहा था कि आपने घर का रिलीज डीड बनवाया है और एक माह में आपको मेरे हिस्से का पैसा मुझे देना था. आप मुझे वह पैसा दीजिए ताकि में कहीं अपना घर ले सकूं. तो जेठ ने महिला के पति से झगड़ा किया और कहा कि अभी मेरे पास पैसे नहीं है. जिसके बाद वह दोनों वडोदरा जाने के लिए निकल गए थे. वडोदरा जाते समय महिला ने अपने पति से पूछा तो बताया कि चांदखेड़ा में उनके पिता के नाम के मकान का उनके भाई ने रिलीज डीड उनकी जानकारी के बगैर बनवा लिया, जिसमें उनके हस्ताक्षर तक नहीं है और पैसा मांगने पर उन्हें उनका पैसा नहीं दिया जा रहा है.

विधवा महिला ने पुलिस शिकायत में कहा है कि, "इस घटना के बाद 14 मई 2024 को मेरे पति ने वडोदरा में आत्महत्या कर ली और हमने उनकी अंतिमक्रिया चांदखेड़ा स्थित मकान पर की और मैं वहीं अपने ससुराल में रुक गई. मेरे पति की अस्थि विसर्जित करने हम सब चानोद गए और वापस लौटने के बाद मेरी दोनों चाची, जेठानी और ननद हम सब साथ बैठे थे तब सबने मुझे कहा कि, मुझे अब लाल कपड़े नहीं पहनने हैं, सफेद साड़ी ही पहननी है. मोबाइल इस्तेमाल नहीं करना है, घर से बाहर नहीं निकलना है. एक रूम में बैठकर माला जपो, विधवा की जिंदगी जिओ. तुम ऐक्टिवा नहीं चलाओगी’.

विधवा महिला ने कहा, "मैंने तब सबसे कहा थे कि मुझे पता है क्या करना है और क्या नहीं करना है. आप इस तरह मेरे साथ किसी बात को लेकर जबरदस्ती मत करिए. तब मुझे उन सबने कहा कि अब तो तेरे पति की भी मृत्यु हो गई है, तू तो बांझ है. अब हम जैसा कहेंगे तुझे वैसा ही करना है. इसके बाद मेरे दोनों जेठ और जेठानी ने मुझसे बातचीत करना बंद कर दिया था और मुझे खाना भी पानी डालकर दिया करते थे. खाने की थाली रूम में बीच में रखते और मेरी थाली भी घर में अलग कर दी गई थी."

विधवा महिला ने कहा कि, "मेरे चाचा ससुर और सास पड़ोस में रहते थे और रोज रात घर पर आकर मेरे दोनों जेठ, जेठानी और ननद को उकसाया करते थे. मुझे सभी अपने भाई के घर चले जाने के लिए कहा था. मेरे जेठ शराब पीकर घर आते और मुझे गंदी गालियां भी देते. यह सब में मौन रहकर सहती रही."

2 जुलाई 2024 को विधवा महिला को मिलने उसकी माता और भाभी उसके घर पहुंचे तब मेरी जेठानी ने कहा कि अब यह घर मेरा है. तुम्हारा यहां कोई अधिकार नहीं है. इसके बाद मेरे जेठ और जेठानी ने मेरे बालों को पकड़कर मारा-पीटा. इसकी शिकायत मैंने चांदखेड़ा पुलिस थाने में की थी लेकिन सामाजिक दबाव की वजह से वह शिकायत मैंने तब वापिस ले ली थी.

समाधान होने बाद विधवा महिला दोबारा ससुराल में रहने आई थी. लेकिन उसी दिन उसके दोनों जेठ और चाचा ससुर ने कहा कि यह हमारे घर पर हक जमाने आई है, इसे यहां से निकालो. जिसके बाद विधवा महिला की ननद के बेटे और देवर ने उसे पीटकर, धक्का मारकर घर से निकाला और कहा था कि अब तुम यहां नजर आई तो जान से मार देंगे. इस घटना के बाद फिर एक बार पुलिस शिकायत हुई.

विधवा महिला और उसके भाई ने अनेक बार सामाजिक तरीके से निराकरण का प्रयास किया लेकिन ससुराल पक्ष वाले विधवा महिला को साथ घर में रखने को तैयार नहीं होने पर विधवा महिला ने शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न की एफआईआर अपने दोनों जेठ-जेठानी, ननद और उनके बेटे, चाचा ससुर और सास, देवर के खिलाफ दर्ज करवाई है.

 

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