Gharchola Saree got GI Tag: सोनम कपूर से लेकर नीता अंबानी तक पहन चुकी हैं ये साड़ी, गुजराती हैंडीक्राफ्ट घरचोला को मिला GI टैग

गुजरात की पांरपरिक हैंडीक्राफ्ट साड़ी, घरचोला को GI Tag मिला है और यह गुजरात के लिए सम्मान की बात है. घरचोला साड़ी की जड़ें राजकोट और जामनगर से जुड़ी हैं.

Sonam Kapoor wearing Gharchola Saree (Photo: Instagram/@sonamkapoor)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 02 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

भारत सरकार ने शादियों के दौरान पहनी जाने वाली पारंपरिक गुजराती साड़ी घरचोला को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया है. आपको बता दें कि घरचोला साड़ी पारंपरिक गुजराती साड़ी है जो शादी के बाद दुल्हन को उसकी सास देती है. यह नए परिवार की स्वीकृति और आशीर्वाद का प्रतीक होता है. दुल्हन प्यार की निशानी और अपने नए घर में स्वागत के लिए पानेतर साड़ी के ऊपर घरचोला साड़ी पहनती है.

इसके साथ ही, गुजरात ने हाल के वर्षों में कुल 27 जीआई टैग हासिल किए हैं, जिनमें से 23 अकेले हस्तशिल्प क्षेत्र में हैं. घरचौला साड़ी को जीआई टैग देने की ऑफिशियल घोषणा नई दिल्ली में कपड़ा मंत्रालय के हथकरघा विकास आयुक्त द्वारा आयोजित जीआई एंड बियॉन्ड - विरासत से विकास तक कार्यक्रम के दौरान की गई. 

जामनगर और राजकोट से जुड़ी है जड़ें 
घरचोला साड़ियां गुजरात की पारंपरिक साड़ियां हैं, विशेष रूप से जामनगर और राजकोट के इलाको में. "घरचोला" नाम दो गुजराती शब्दों को जोड़कर बना है: "घर", और "चोल", जिसका अर्थ है पोशाक. इस तरह घरचोला का मतलब है घर पर पहनी जाने वाली पोशाल या कपड़ा. घरचोला किसी भी लड़की के उसके माता-पिता के घर से उसके ससुराल में जाने और रचने-बसने को दर्शाता है. 

आमतौर पर रेशम या सूती-रेशम मिश्रण से तैयार की गईं इन साड़ियों पर जरी का काम होता है और ये ग्रिड या चेकर पैटर्न में होती हैं. इन चेक पैटर्न में अक्सर मोर, कमल और हाथी आदि बनाए जाते हैं. परंपरागत रूप से हिंदू और जैन शादियों से जुड़ी, घरचोला साड़ियां लाल, मैरून, हरे और पीले जैसे शुभ रंगों में तैयार की जाती हैं, जो गहरा सांस्कृतिक महत्व रखते हैं. आपको बता दें कि बड़ी- बड़ी हस्तियां जैसे सोनम कपूर और नीता अंबानी भी यह साड़ी पहन चुकी हैं. 

पारंपरिक साड़ी को दिया जा रहा है मॉडर्न लुक 
समय के साथ, गुजराती बुनकरों ने इन पारंपरिक डिज़ाइनों को आधुनिक सौंदर्यशास्त्र के साथ मिश्रित किया है, जिससे ऐसी साड़ियां बनाई गई हैं जो अपने सांस्कृतिक सार को बरकरार रखते हुए लोगों के मॉडर्न टेस्ट को भी भाती हैं. इस बदलाव के कारण घरचोला साड़ियों की मांग बढ़ी है, जो अब पूरे गुजरात में गरवी गुर्जरी बिक्री केंद्रों के जरिए व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. 

जीआई टैग न सिर्फ घरचोला साड़ियों की प्रामाणिकता और विशिष्टता को बताता है, बल्कि ग्लोबल लेवल पर मार्केटिंग टूल के तौर पर भी काम करता है,  जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में इसकी मांग बढ़ती है. 

 

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