Fish Farming: मछली पालन करके करोड़ों में कमा कर रहे हैं सुल्तान सिंह, मिल चुके हैं पद्मश्री जैसे सम्मान

हरियाणा के सुल्तान सिंह को Fish Man of Haryana भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. पिछले कई दशकों से मछली पालन कर रहे सुल्तान आज इससे करोड़ों में कमा रहे हैं और बहुत से किसानों की मदद भी करते हैं.

Fish Farmer Sultan Singh
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 28 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:18 AM IST

हरियाणा के करनाल जिले के बुटाना गांव के रहने वाले सुल्तान सिंह मछली उत्पादन क्षेत्र में प्रोगेसिव किसान हैं. मछली पालन में 40 वर्षों की समृद्ध विरासत के साथ, सुल्तान सिंह ने न केवल 2019 में पद्मश्री पुरस्कार हासिल किया, बल्कि कई राज्यों में महत्वाकांक्षी किसानों के लिए एक मार्गदर्शक भी बन गए हैं. सुल्तान सिंह ने मछली पालन तब शुरू किया जब बहुत से लोगों के इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. 

1982 में, सुल्तान सिंह ने बुटाना में अपने इनोवेटिव मछली फार्म के लिए 30 एकड़ भूमि का इस्तेमाल करते हुए, मछली पालन का काम शुरू किया. उन्होंने उत्तर भारत में पहली फिश हैचरी की स्थापना की, जो मछलियों की 14 विभिन्न प्रजातियों के प्रजनन में विशेषज्ञता रखती थी. 

सुल्तान मछली बीज फार्म
सुल्तान का मुख्य ध्यान IMC, EMC और कैटफ़िश किस्मों के पालन पर केंद्रित है. 'सुल्तान फिश सीड फार्म' ब्रांड नाम के तहत काम करते हुए, वह न सिर्फ मीठे पानी की मछली का प्रजनन करते हैं, बल्कि फ्रोज़न फिश का कारोबार भी करते हैं. उनकी सफलता की राह में उन्होंने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया. खासकर हरियाणा जैसे राज्य में जहां ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआती दिनों में मांस और मछली की कम खपत के कारण सुल्तान को विरोध का सामना करना पड़ा. लेकिन निडर होकर, वह अपने काम में लगे रहे और आखिरकार उन्हें इस काम में मुनाफा होने लगा. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें मछली किसानों का गुरु बना दिया. उनका प्रभाव उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र और निश्चित रूप से हरियाणा जैसे राज्यों तक फैला हुआ है. सुल्तान ने कई व्यक्तियों को सफल मछली पालन उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाया है.

करोड़ों का है कारोबार
सुल्तान के बाज़ार की पहुंच दिल्ली तक है, जहां उनकी मछली की मांग काफ़ी है. ताजगी सुनिश्चित करने के लिए, वह पानी से भरे ट्रकों में जीवित मछली को ट्रांसपोर्ट करते हैं, और ग्राहकों को एक प्रीमियम उत्पाद पेश करते हैं. उनकी इस तरह की एप्रोच के कारण हर साल उनका लगभग 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का सालाना खर्च होता है, जिससे 23 लाख रुपये तक का प्रभावशाली रिटर्न मिलता है.

सुल्तान साथी किसानों को मछली पालन को एक लाभदायक उद्यम के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वह इस बात पर जोर देते हैं कि इस नवीन कृषि पद्धति के माध्यम से बंजर भूमि को भी आय के स्रोत में बदला जा सकता है. 

 

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