एटीएम (Automated Teller Machine) के आने के बाद से लोगों को कैश के लिए बैंकों में लंबी कतारों में घंटों खड़े होने से छुट्टी मिल गई है. आजकल बैंक में जाकर कैश ज्यादातर वही लोग निकालते हैं, जिन्हें या तो एटीएम से कैश विड्रॉ करना नहीं आता या फिर मोटी रकम निकालनी होती है. बैंक में पैसे जमा करवाने और निकालने के लिए लंबे-चौड़े फॉर्म भरे जाते हैं... अब जरा सोचिए वो भी एक जमाना रहा होगा जब लोगों के पास सिर्फ बैंक जाकर ही पैसे निकालने की सुविधा हुआ करती थी. देश में तो सालों से बैंकिंग व्यवस्था है लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में सबसे पहले कब और कहां पहला एटीएम लगाया गया था. चलिए हम आपको बताते हैं.
ऐसे आया था एटीएम बनाने का आइडिया
एटीएम आज 55 साल का हो गया है. 27 जून 1967 को पहला एटीएम नॉर्थ लंदन के एनफील्ड में लगाया गया था. यह बार्कलेस बैंक का एटीएम था. भारत में जन्मे ब्रिटिश मूल के शेफर्ड बैरन को चॉकलेट बार की मशीन देखकर एटीएम बनाने का आइडिया आया था. एक दिन जब वह कैश निकालने के लिए बैंक गए तो उन्हें घंटों लाइन में लगने के बाद निराश होकर घर लौटना पड़ा. बैरन ने सोचा जब कोई मशीन कॉफी दे सकती है तो पैसे क्यों नहीं. इस तरह दो साल की मेहनत के बाद बैरन ने इस मशीन का अविष्कार किया था. बैरन ने ही पैसे की निकासी के लिए चार अंकों का पिन डालने की प्रक्रिया की शुरुआत भी की थी.
कैसे काम करती थी पहली एटीएम मशीन
शेफर्ड-बैरोन ने पैसे निकालने के लिए किसी कार्ड का उपयोग नहीं किया था. उन्होंने कार्बन 14 से प्रिंटेड एक चेक लगाया था. इसके बाद मशीन चेक का एकाउंट से मिलान करती थी और कैश बाहर निकलता था. समय के साथ एटीएम एडवांस होते गए और पैसे निकालने की तकनीक में बदलाव किया गया. अब मैग्नेटिक चिप वाले डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स के जरिए पैसे निकाले जाते हैं. इसके अलावा यूपीआई के जरिए भी कैश विड्रॉल किया जाता है. एटीएम को दुनिया भर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. यूके और न्यूजीलैंड में इसे कैश प्लाइंट और ऑस्ट्रेलिया में मनी मशीन कहा जाता है.
भारत में कब लगा एटीएम
भारत में 1987 में देश का पहला एटीएम शुरू हुआ था. इसे मुंबई में एचएसबीसी बैंक की शाखा ने लगाया था. भारत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देश का सबसे बड़ा एटीएम सुविधा प्रदाता बैंक है. राष्ट्रीय वित्तीय स्विच (एनएफएस) नेटवर्क के तहत जनवरी 2022 तक देशभर में करीब 255 हजार एटीएम हैं. जनवरी 2022 तक भारत में 940 मिलियन से अधिक सक्रिय डेबिट कार्ड हैं. यह संख्या क्रेडिट कार्ड की संख्या से बहुत अधिक है.