History of Samosa: देसी नहीं विदेशी है आपका फेवरेट स्नैक, जानिए समोसे की कहानी

History of Samosa: बात समोसे की हो और मुंह में पानी न आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. भारत के अलग-अलग क्षेत्रो में अलग-अलग तरह से बनने वाला यह देसी स्नैक असल में विदेश से भारत आया है. आज दस्तरखान में जानिए समोसे का इतिहास.

समोसे की कहानी
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 15 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST
  • अमीर खुसरो ने किया है समोसे का जिक्र
  • समोसे के हैं कई देसी अवतार 

बात अगर स्नैक्स की हो तो ज्यादातर लोग चाय के साथ समोसे खाना पसंद करते हैं. दुनियाभर में समोसे फेवरेट इंडियन स्नैक के तौर पर मशहूर हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हमारा यह देसी समोसा असल में विदेशी है. जी हां, आज दस्तरखान में हम आपको बता रहे हैं समोसे की कहानी. 

रिपोर्ट्स और तथ्यों की मानें तो समोसे की उत्पत्ति 10वीं शताब्दी के दौरान मध्य पूर्व क्षेत्र में हुई थी. समोसे का पहला आधिकारिक उल्लेख ईरानी इतिहासकार अबोलफजल बेहाकी की रचना, तारीख-ए-बेहागी में मिलता है, जहां इसे 'सम्बोसा' कहा गया है. सम्बोसा आकार में बहुत छोटे थे और यही कारण है कि उनका उपयोग लोग यात्राओं के दौरान नाश्ते के रूप में करते थे. क्योंकि इन्हें यात्रा के दौरान लेकर चलना आसान था.  

अमीर खुसरो ने किया है समोसे का जिक्र 
बताया जाता है कि शाही युग में समोसे का पहला उल्लेख तब शुरू हुआ जब दिल्ली सल्तनत के प्रसिद्ध कवि और विद्वान, अमीर खुसरो ने मांस, घी और प्याज से तैयार समोसे के बारे में बात की, जो उस समय के रईसों की पसंद होते थे. 

बाद में, 14वीं सदी के यात्री इब्न बतूता ने मुहम्मद बिन तुगलक के दरबार में शाही भोजन के हिस्से के रूप में कीमा, अखरोट, पिस्ता, बादाम और मसालों से बने संबुसाक (उर्फ समोसा) के बारे में उल्लेख किया था. यहां तक ​​कि मुगल वंश के आईन-ए-अकबरी में भी समोसे की रेसिपी का जिक्र किया गया है जिसे 'सनबुसा' के नाम से जाना जाता है. 

समोसे के हैं कई देसी अवतार 
अगर आपको लगता है कि समोसे सिर्फ तिकोने आकार में आलू की स्टफिंग से बनते हैं तो आप गलत है. आपको जानकर हैरानी होगी  कि समोसे के 15-20 से ज्यादा देसी अवतार पूरे भारत में चखे जा सकते हैं. हैदराबाद में इसे 'लुख्मी' कहा जाता है, जिसकी परत मोटी होती है और इसमें कीमा भरा होता है. जबकि दक्षिण भारत में कई इलाकों में गोभी, गाजर और करी पत्ते की स्टफिंग करके समोसे बनाए जाते हैं. 

बंगाल क्षेत्र में, इसे 'शिंगारस' कहा जाता है, और यह नमकीन और मीठे दोनों स्वादों में उपलब्ध है. जबकि गुजरात में, फ्रेंच बीन्स और मीठे मटर की स्टफिंग के छोटे समोसे होते हैं. और गोवा में, समोसे को 'चामुकास' कहा जाता है और इसे बीफ़, चिकन या पोर्क कीमा के साथ तैयार किया जाता है. 

आज दुनियाभर में मशहूर हैं समोसा 
जैसे समोसा भारत में आया, उसी तरह यह दुनिया के अन्य हिस्सों में भी गया और हर जगह इसके अपने वर्जन बने. पुर्तगाल, ब्राजील और मोजाम्बिक क्षेत्र में, समोसे को 'पेस्टीस' के नाम से जाना जाता है. जबकि अरब देशों में, इसे कीमा, प्याज, पालक और फेटा पनीर से भरा हुआ 'सांबुसाक' कहते हैं. दिलचस्प बात यह है कि इज़राइल में, समोसे में मसले हुए चने भरे जाते हैं और मालदीव में, ट्यूना फिश और प्याज की स्टफिंग के समोसे बनते हैं. 

हालांकि, भारत का स्टैंडर्ड समोसा- आलू की स्टफिंग के साथ, कई देशों में मशहूर है. बाहर से आने वाले बहुत से लोग भारत आकर समोसे ट्राई करते हैं. अलग-अलग जगह इसे खाने के तरीके भी अलग हैं. कहीं इसे खट्टी-मीठी चटनी के साथ खाते हैं तो कहीं छोले-समोसे फेमस हैं. आजकल तो नूडल्स की स्टफिंग वाले चायनीज समोसे भी बनाए जा रहे हैं. 


 

 

Read more!

RECOMMENDED