Holi 2022: भारत में इन जगहों पर नहीं मनाया जाता है होली का त्योहार, जानिए वजह

देश में बहुत सी जगह धूमधाम से होली का त्योहार मनाया जाता है लेकिन कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां होली नहीं मनाई जाती है. इन जगहों पर होली का दिन भी दूसरे सामान्य दिनों की तरह रहता है. इन सभी जगहों पर होली न मनाने के पीछे कई कारण हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST
  • 18 मार्च को मनाया जायेगा होली का त्योहार
  • कुछ जगहों पर नहीं मनाई जाती है होली

इस साल 18 मार्च को देशभर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है. होली को लेकर लोग अच्छे-खासे उत्सुक रहते हैं. और इस बार होली के मौके पर लोगों को लंबा वीकेंड भी मिल रहा है. जिस कारण लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ होली ट्रिप पर जाकर एन्जॉय कर सकते हैं. 

देश में बहुत सी जगह धूमधाम से होली का त्योहार मनाया जाता है लेकिन कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां होली नहीं मनाई जाती है. इन जगहों पर होली का दिन भी दूसरे सामान्य दिनों की तरह रहता है. इन सभी जगहों पर होली न मनाने के पीछे कई कारण हैं. 

1. रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

वैसे तो पहाड़ों की होली बहुत मशहूर है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बहुत से गांवों में होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इसमें क्विली, कुरझन जैसे गांव शामिल हैं. 

बताया जाता है कि इन गांवों में लगभग 150 सालों से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है. इसके पीछे की वजह लोगों की आस्था से जुड़ी है. मान्यता है कि इस क्षेत्र की प्रमुख देवी त्रिपुर सुंदरी को शोर नहीं पसंद है, इसलिए यहां के लोग होली के शोर से बचते हैं और होली के त्योहार को नहीं मनाते हैं.

2. रामसन (रामेश्वर), गुजरात

गुजरात के बनासकांठा जिले के बसा गांव रामसन (रामेश्वर) होली के समय काफी खाली नजर आता है. बताया जाता है कि इस गांव में लगभग 200 साल से होली नहीं मनाई गई है. इस गांव का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है. 

बात अगर होली के त्योहार को मानाने की करें तो कहा जाता है कि इस जगह को संतों का अभिशाप लगा हुआ है. क्योंकि यहां के राजा ने संतों के साथ दुर्व्यवहार किया था. इसलिए गांव को श्राप लगा और यह गांव अब होली नहीं मनाता.
 
3. दुर्गापुर, झारखंड

झारखंड में दुर्गापुर गांव के लोग भी होली नहीं मनाते हैं. बता दें कि इस गांव में लगभग 100 सालों से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है. होली के त्योहार के दिन यहां के राजा के बेटे का निधन हो गया था. राजा अपने बेटे की मौत के दुःख से उबर नहीं पाए और होली वाले दिन ही उनका भी निधन हो गया. 

मरने से पहले राजा ने यहां के लोगों को होली न मनाने के आदेश दिए थे, तब से अगर कोई होली मनाना चाहता है तो वो दूसरी जगह जाकर होली मनाता है.

4. हथखोह, बुंदेलखंड: 

बुंदेलखंड के सागर जिले के हथखोह गांव के लोग होली नहीं मनाते हैं. इतना ही नहीं गांव के लोग होलिका का दहन भी नहीं करते हैं. मान्यता है कि सालों पहले गांव के लोगों को खुद देवी ने दर्शन देकर होली न मनाने के लिए कहा था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.

5. तमिलनाडु:

तमिलनाडु में रहने वाले ज्यादातर लोग होली नहीं मनाते हैं. होली पूर्णिमा के दिन आती है और तमिल लोग मासी मागम मनाकर इसे सम्मान देते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये एक पवित्र दिन है . इस दौरान आकाशीय जीव और पूर्वज, पवित्र नदियों, तालाबों और पानी में डुबकी लगाने के लिए धरती पर उतरते हैं.
 

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