रंगों का त्यौहार जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे मार्केट में अलग अलग रंगों व गुलाल की मांग बढती जा रही है. इसी के चलते इस बार केमिकल वाले रंगों से बचाव के चलते इस बार होली में प्राकृतिक रूप से बना गुलाल चलेगा. इस गुलाल को लगाने से चेहरे पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा, जिसके चलते आपकी त्वचा भी बची रहेगी और ये साधारण साबुन से आसानी से साफ़ भी हो जायेगा. इस केमिकल फ्री गुलाल को स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तैयार कर रही हैं और जल्दी ही इसे बेचने के लिए बाजार में उतारा जाएगा.
जानकारी के अनुसार, हर्बल गुलाल को बेचने के लिए कोतवाली,कलेक्ट्रेट,विकास भवन और तहसीलों में भी बिक्री की व्यवस्था की जाएगी. इस हर्बल गुलाल को जिले की 16 अलग-अलग समूहों से जुड़ी 150 महिलाएं ने तैयार किया है. गुलाल निर्माण के जरिए महिलाओं को गांव में ही रोजगार भी मिल रहा है। देखा जाए तो यह गुणवत्तापूर्ण हर्बल गुलाल केमिकल से बने गुलाल को बाजार से बाहर करने का भी काम करेगा|इस काम से महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार भी उपलब्ध हो रहा है.
हर्बल गुलाल बनाने के लिए इन चीजों का किया गया है इस्तेमाल
उन्नाव जिले की 150 महिलाएं इस होली पर हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं. इस गुलाल को बनाने के लिए सब्जियों को इस्तेमाल किया गया है. गुलाल में चुकंदर,पालक.गेंदे का फूल,अरारोट व मकोई नामक फल का इस्तेमाल किया गया है.
हर्बल गुलाल से महिलाओं को गावों में मिला है स्वरोजगार
उन्नाव में तैयार किए जा गुलाल की सभी जगह तारीफ हो रही है. इस कार्य से महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. इस प्रयास की सभी जगह सराहना हो रही है.
विशाल चौहान की रिपोर्ट...