दिन-रात मेहनत करके अपना पेट तो हर कोई भरता है पर आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बता रहे हैं जो अपने साथ-साथ और 150 लोगों का पेट भर रहा है. यह कहानी है कोलकाता के पार्थ कर चौधरी की, जिन्हें लोग 'हॉस्पिटल मैन' के नाम से जानते हैं. पार्थ पिछले 5 साल से विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती जरूरतमंद परिवारजनों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं ताकि वे भूखे न सोएं.
महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान भी पार्थ ने हर दिन भोजन उपलब्ध कराने के अपने मिशन को जारी रखा. अब सवाल है कि इस नेक काम के पीछे क्या प्रेरणा रही.
2016 में शुरू किया अभियान:
पार्थ कार चौधरी पूल कार चलाते हैं. जिसमें वह हर सुबह कुछ छात्रों को स्कूल छोड़ते हैं और फिर अपने मिशन पर काम करते हैं. सबसे पहले भोजन तैयार करते हैं और अपनी कार में रखकर अस्पतालों तक पहुंचाते हैं. यब कहानी पांच साल पहले शुरू हुई थी. 2016 में उन्हें फेफड़ों की समस्या के कारण कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. जहां उन्होंने देखा कि कैसे मरीजों के नजदीकी रिश्तेदार अस्पताल प्रशासन से मरीज को मिलने वाले खाने बांटकर खाते हैं. और कई बार तो पूरे दिन खाना भी नहीं खा पाते हैं. क्योंकि उनके पास खरीदकर खाना खाने के लिए पैसे ही नहीं हैं.
उनको भूखा देखकर पार्थ ने अपने स्तर पर कुछ करने की ठानी. इसकी शुरुआत 20 से 25 लोगों के लिए खाने का इंतजाम करने से हुई. पर यह काफी नहीं था. इसलिए धीरे-धीरे उन्होंने अपना काम बढ़ाया.
150 लोगों को खिला रहे हैं मुफ्त खाना:
दक्षिण कोलीघाट निवासी 50 वर्षीय पार्थ हर दिन भोजन पकाते हैं और अस्पतालों तक पहुंचाते हैं. वह दिन में तीन बार 150 से अधिक लोगों को भोजन बांटते हैं. फिलहाल वह चार सरकारी अस्पतालों में खाना बांट रहे हैं. इसके अलावा, वह हर रविवार को फ्री मेडिकल कैंप भी आयोजित करते हैं.
पार्थ को पहचानना बहुत आसान है. वह आसमानी नीले रंग की टी-शर्ट पहनते हैं जिस पर बड़े अक्षरों में 'हॉस्पिटल मैन' लिखा हुआ है. उनका कहना है कि इससे मरीज के रिश्तेदारों को भीड़ में उनकी पहचान करने में मदद मिलती है. अब उन्हें लोग जानने लगे हैं और कई बार दाल-चावल आदि भेजकर उनकी मदद भी कर रहे हैं.
पार्थ का उद्देश्य एक चलती-फिरती किचन कार शुरू करना है ताकि कोई भी कभी भी भूखा न रहे.
(रित्बिक मोन्ड्ल की रिपोर्ट)