World Soil Day: ऐसे दें पुरानी मिट्टी को नया जीवन, और करें फिर इस्तेमाल

हर साल 5 दिसंबर को, दुनिया भर के लोग World Soil Day मनाते हैं. यह दिन पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में मिट्टी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.

World Soil Day
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 05 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:32 AM IST

हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. यह एक ग्लोबल पहल है, जिसका उद्देश्य मिट्टी की सेहत और सस्टेनेबल सॉइल मैनेजमेंट के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. यह दिन एक अनुस्मारक के रूप में काम करता है कि हमारे पैरों के नीचे की मिट्टी पृथ्वी पर जीवन का सपोर्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मिट्टी को धरती की "साइलेंट फाउंडेशन" कहा जाता है.

यह सूक्ष्मजीवों, कीड़ों और पौधों की जड़ों के लिए कॉम्पलेक्स इकोसिस्टम देती है. यह पानी और पोषक तत्वों के स्टोरेज के रूप में काम करती है और कृषि और जैव विविधता के लिए जरूरी सपोर्ट सिस्टम देती है. लेकिन समय के साथ बहुत ज्यादा इस्तेमाल, अनुचित कृषि पद्धतियों और पर्यावरण के खराब स्तर के कारण मिट्टी ख़राब हो सकती है और अपनी उर्वरता खो सकती है. 

पुरानी मिट्टी को कैसे करें रिवाइव 
पुरानी मिट्टी को पुनर्जीवित करना न केवल इकोलॉजिकल जरूरत है बल्कि सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के लिए एक प्रैक्टिकल एप्रोच भी है. खराब होती मिट्टी में नई जान फूंकने के कुछ रचनात्मक और सुलभ तरीके यहां दिए गए हैं:

1. खाद बनाना- मिट्टी को समृद्ध करने के लिए खाद बनाना एक सरल लेकिन पावरफुल तकनीक है. रसोई के स्क्रैप, यार्ड के कचरे और दूसरे ऑर्गनिक मैटेरियल्स को इकट्ठा करके, आप पोषक तत्वों से भरपूर खाद बना सकते हैं. पुरानी मिट्टी में खाद मिलाने से इसकी संरचना में सुधार होता है, वाटर रिटेंशन बढ़ता है और पौधों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं.

2. क्रॉप रोटेशन- एक जमीन पर एक ही फसल की लगातार बोने से खेतों की मिट्टी में विशिष्ट पोषक तत्व कम हो सकते हैं. फसल चक्रण या क्रॉ रोटेशन का तरीका अपनाने से प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों की भरपाई करने में मदद मिलती है. अलग-अलग पौधों की पोषक तत्वों की जरूरतें अलग-अलग होती हैं, और फसलों को रोटेट करके, आप मिट्टी में जरूरी तत्वों के संतुलन को बहाल कर सकते हैं.

3. कवर क्रॉपिंग- फलियां और तिपतिया घास जैसी कवर फसलें न केवल मिट्टी को कटाव से बचाती हैं बल्कि इसकी उर्वरता में भी योगदान देती हैं. इन पौधों में मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिर करने की क्षमता होती है. कवर फसलों को अपनी बागवानी या खेती के रूटीन में शामिल करना पुरानी मिट्टी को फिर से जीवंत करने का एक सस्टेनेबल तरीका है.

4. हरी खाद- हरी खाद में सरसों या अल्फाल्फा जैसे विशिष्ट पौधों को उगाना और फिर उनके पकने से पहले उन्हें मिट्टी में मिला देना शामिल है. यह प्रक्रिया मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जोड़ती है, इसके टेक्चर को बढ़ाती है और माइक्रोबियल गतिविधि को बढ़ावा देती है. मिट्टी में सुधार के लिए हरी खाद किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है.

5. माइक्रोबियल मैजिक- माइकोरिज़ल कवक पौधों की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध बनाते हैं, जिससे पोषक तत्व बढ़ते हैं. इन लाभकारी कवकों को मिट्टी में शामिल करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ सकती है और पौधों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है. माइकोरिज़ल इनोक्युलेंट कमर्शियल रूप से उपलब्ध हैं और पुरानी मिट्टी को पुनर्जीवित करने के लिए एक प्राकृतिक समाधान हैं. 

विश्व मृदा दिवस पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने वाली मिट्टी की रक्षा और पोषण करने की हमारी ज़िम्मेदारी की याद दिलाता है. सस्टेनेवल सॉइल मैनेजमेंट को अपनाने से न केवल वर्तमान पीढ़ियों को लाभ होता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संपन्न धरती भी सुनिश्चित होगी. 

 

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