शिमला में कैसा रहा सैलानियों का New year Celebration, जानें आखिर क्यों होटलों में रही कुल 60 फीसदी ऑक्यूपेंसी 

हिमाचल प्रदेश की इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा टूरिज्म इंडस्ट्री से आता है. महामारी और इस साल पूरे हिमाचल प्रदेश में मानसून के समय कुदरत के कहर ने टूरिज्म इंडस्ट्री को एक बड़ा धक्का पहुंचाया था.

New Year
ललित शर्मा
  • चंडीगढ़ ,
  • 01 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:30 PM IST
  • होटलों में 60 फीसदी ऑक्यूपेंसी 
  • पहली बार हुई इतनी कम संख्या 

नए साल के जश्न को मनाने के लिए अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला में पिछले 40 वर्षों में पहली बार होटल की ऑक्युपेंसी 60 के आसपास रही, जो कि महामारी के दौरान से भी कम है. सैलानी शिमला तो पहुंचे लेकिन उन्होंने होटल का रुख नहीं किया. ज्यादातर सैलानी फ्लोटिंग थे जो शिमला आए और नया साल का जश्न मना कर वापस चले गए. कम पर्यटकों के आने से टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा धक्का लगा है क्योंकि हिमाचल में पर्यटन की लगभग 7.89 फीसदी जीडीपी हैं. उसके अलावा काम पर्यटक आने का कारण एक यह भी है कि सैलानी बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे और उनके हाथ मायूसी लगी. वहीं पर होमस्टैसे के कम कीमत की वजह से होटलों को बड़ा धक्का लगा है.

होटलों में 60 फीसदी ऑक्यूपेंसी 

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा टूरिज्म इंडस्ट्री से आता है. महामारी और इस साल पूरे हिमाचल प्रदेश में मानसून के समय कुदरत के कहर ने टूरिज्म इंडस्ट्री को एक बड़ा धक्का पहुंचाया था. टूरिज्म इंडस्ट्री को वापस अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार और शिमला के जिला प्रशासन ने पहली बार विंटर कार्निवाल का आयोजन भी किया. लेकिन इस साल सैलानियों की पिछले 40 सालों में होटल में रुकने की सबसे कम संख्या सामने आई है. जो आंकड़े सामने आए हैं उसके मुताबिक शिमला के लगभग होटल में सिर्फ 60 फीसदी ऑक्युपेंसी देखने को मिली.

पहली बार हुई इतनी कम संख्या 

शिमला होटल एसोसिएशन वाइस प्रेसिडेंट प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि पहली बार पहली बार 40 सालों में इतनी कम संख्या सैलानियों की राजधानी शिमला के होटल में देखने को मिली है. प्रिंस ने बताया कि कम संख्या आने के 2 से 3 बड़े कारण है जिसमें एक तो सैलानी नए साल में बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे और लोगों को निराशा और मायूसी हाथ लगी. यही वजह रही कि लोग होटल में कम रुके और वापस नजदीक राज्यों से आए पर्यटक वापस चले गए. इसमें ज्यादातर सैलानी फ्लोटिंग थे जिन्होंने नए साल का जश्न मनाया और वापस चले गए. और दूसरा बड़ा कारण जिसने होटल इंडस्ट्री को हिट किया है वह है लो बजट के होम स्टेज खुलना. ज्यादा पर्यटकों ने इन्हीं होमस्टैसे को रुकने के लिए अपनी पसंद बनाया है और ज्यादातर होम स्टैसे इल्लीगल है और रजिस्टर्ड नहीं है. जिसकी वजह से लोगों ने होटल का रुख नहीं किया. 

कंबर में होटल के मैनेजर अजय ठाकुर ने बताया कि इस बार ज्यादातर पर्यटक है वह लो बजट के रहे और उन्होंने शहर से बाहर हम रुकना पसंद किया और होटल का रुख नहीं किया. जेडी होटल वाइंस के मालिक राकेश तनेजा ने भी कहा कि इस बार होटल में प्रेरकों की संख्या की कमी आने से होटल को बड़ा नुकसान हुआ है.

वही शिमला घूमने आए अलग-अलग राज्यों के प्रेरकों से जब बातचीत की गई तो सभी ने यह कहा कि बर्फ के दीदार के लिए वह लोग यहां पहुंचे थे लेकिन बर्फ ना गिरने से निराशा ही हाथ लगी है. उसके अलावा जितनी ठंड पड़ने की उम्मीद जताई गई थी वैसी ठंड फिलहाल अभी शिमला में नहीं है.


 

Read more!

RECOMMENDED