हिंदुस्तान के बेटे ने पेश की मिसाल, यूक्रेन में हमलों के बीच की पाकिस्तानी छात्रा को पहुंचाया पाकिस्तान एम्बेसी तक, अब खाप ने किया सम्मानित

अंकित नेहरा यूक्रेन में फंसे उन भारतीय छात्रों में से एक हैं जिनकी कुछ समय पहले ही वतन वापसी हुई है. उनके घर लौटने से पूरे परिवार और दोस्त-रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है. साथ ही, घर लौटने से पहले अंकित ने ऐसा नेक काम किया है जिसकी वजह से उनका परिवार आज उनपर गर्व कर रहा है. 

Ankit Nehra (Photo: ANI)
gnttv.com
  • हिसार ,
  • 07 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST
  • अपनी परवाह किए बिना की पाकिस्तानी छात्रा की मदद
  • माता-पिता को हो रहा है बेटे पर गर्व

कहते हैं कि एक अच्छा और सच्चा इंसान वही होता है जो मुश्किल समय में किसी का साथ दे. रूस-यूक्रेन युद्ध के बिगड़े हालातों में हरियाणा के एक बेटे ने भी अच्छाई की ऐसी ही एक बेहतरीन मिसाल पेश की है. यह कहानी है हिसार के रहने वाले अंकित नेहरा की. 

अंकित नेहरा यूक्रेन में फंसे उन भारतीय छात्रों में से एक हैं जिनकी कुछ समय पहले ही वतन वापसी हुई है. उनके घर लौटने से पूरे परिवार और दोस्त-रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है. साथ ही, घर लौटने से पहले अंकित ने ऐसा नेक काम किया है जिसकी वजह से उनका परिवार आज उनपर गर्व कर रहा है. 

पाकिस्तानी लड़की को पहुंचाया एम्बेसी तक: 

गुड न्यूज़ टुडे से बात करते हुए अकिंत नेहरा ने बताया कि कीव शहर में जब हमला शुरू हुआ था तो वह और एक पाकिस्तानी छात्रा मारिया, दोनों साथ में फंसे हुए थे. बम धमाकों के बीच जैसे-तैसे अंकित अपनी दोस्त मारिया के साथ ट्रेन तक पहुंचे. 

वे ट्रेन के जरिए अपने-अपने देशों की एम्बेसी पहुंचना चाहते थे लेकिन, ट्रेन पर हमले के बाद उनके पास पैदल चलने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं था. अंकित बताते हैं कि उन्होंने पहले मारिया को पाकिस्तान एम्बेसी छोड़ने का फैसला किया. 

हर तरफ हमले हो रहे थे और ऐसे में अंकित ने मारिया को अकेला छोड़ना बिल्कुल सही नहीं समझा. अपनी जान की परवाह किये बगैर वह कई किमी चलकर मारिया को पाकिस्तान एम्बेसी छोड़कर आए. अंकित चाहते तो पहले अपने बारे में सोचकर सीधा इंडियन एम्बेसी जा सकते थे. लेकिन उन्होंने पहले उस लड़की की मदद की. 

नेहरा खाप ने किया सम्मानित: 

मारिया को पाकिस्तान एम्बेसी तक सही-सलामत पहुंचाने के बाद अंकित खुद इंडियन एम्बेसी पहुंचे और वहां से भारत सरकार के ऑपरेशन गंगा के तहत घर वापस आये हैं. यह पूरा समय उनके परिवार पर किसी सदी से कम नहीं गुजरा.

उनकी मां सरोज का कहना है कि वह दिन-रात टीवी देख रही थीं और अपने बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रही थीं. आखिरकार भगवान ने उनकी सुन ली और अंकित सही-सलामत घर लौट आया. अपने बेटे के नेक काम पर उनकी मां को गर्व है. 

इस काम के लिए हरियाणा की नेहरा खाप ने अंकित को सम्मानित भी किया है. सबका यही कहना है कि अंकित ने इंसानियत की मिसाल कायम की है. 

(हिसार से प्रवीन कुमार की रिपोर्ट)

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