कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान जब ज्यादातर लोग अपने घरों में बंद थे और अपनी हॉबीज़ ट्राई कर रहे थे, उस समय अशोक तमारक्षण (Ashok Thamarakshan) बेहद खास चीज में व्यस्त थे. मूल रूप से केरल से ताल्लुक रखने वाले और फिलहाल, ब्रिटेन में रह रहे अशोक ऑटोमोबाइल इंजीनियर हैं और उन्होंने लॉकडाउन के दौरान खुद एक हवाई जहाज बनाया है.
यह चार सीटों वाला एक विमान है. जिस पर अशोक विभिन्न देशों की उड़ान भर चुके हैं. अलाप्पुझा के मूल निवासी अशोक फिलहाल यहां अपनी छुट्टी मना रहे हैं. आरएसपी नेता और पूर्व विधायक ए वी थमारक्षन के बेटे अशोक एनएसएस इंजीनियरिंग कॉलेज, पलक्कड़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरा करने के बाद 2006 में फोर्ड के कर्मचारी के रूप में यूके गए.
यूके में लिया पायलट लाइसेंस
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अशोक ने बताया कि जब वह यूके गए तो उन्हें एक विमान खरीदने का शौक हो गया. उन्होंने एक पायलट लाइसेंस भी लिया और हवाई जहाज की खोज शुरू कर दी, लेकिन तभी उन्हें पता चला कि इसमें लगभग 5 से 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके बाद, उन्होंने खुद ही विमान बनाने का फैसला किया.
अशोक का कहना है कि ब्रिटेन और अन्य देशों में बहुत से लोग छोटे हवाई जहाज बना रहे हैं. यहां इसके पुर्जे आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. उन्होंने अपने हवाई जहाज के पुर्जे दक्षिण अफ्रीका से, इंजन ऑस्ट्रिया से और एवियोनिक्स उपकरण अमेरिका से खरीदे. उन्होंने अपने घर के पास एक वर्कशॉप बनाई और अप्रैल 2020 में काम शुरू किया.
लॉकडाउन में बनाया विमान
अशोक के इस काम को यूके एविएशन अथॉरिटी ने मॉनिटर किया. अशोक ने बताया कि यूके में लॉकडाउन के कारण कंपनी ने परिचालन बंद कर दिया था. जिससे उन्हें अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली. शुरू में, उन्होंने टू-सीटर प्लेन बनाने का फैसला किया. हालांकि, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ फैमिली ट्रिप के लिए अशोक को चार सीटों वाले विमान की जरूरत थी. इसलिए उन्होंने 4-सीटर प्लेन बनाया.
अशोक के मुताबिक यूके सिविल एविएशन अथॉरिटी ने उनके काम की निगरानी की और निर्माण के हर चरण का निरीक्षण किया गया. अशोक ने लगातार तीन महीने तक विमान पर उड़ान परीक्षण किया और आखिरकार यह फरवरी में उड़ान के लिए तैयार थी.
बनाने में खर्च हुए 1.8 करोड़ रुपये
अशोक ने विमान को बनाने में लगभग 1.8 करोड़ रुपये और 1,500 घंटे खर्च किए. विमान का वजन 520 किलोग्राम है और वहन क्षमता 950 किलोग्राम है, जिसमें चार यात्री शामिल हैं. यह एक घंटे में 250 किमी का सफर तय कर सकता है. अशोक ने विमान का नाम अपनी बेटी दीया के नाम पर जी-दीया (जी देश कोड है) रखा.
उड़ान भरने की इजाजत मिलने के बाद, अशोक और उसके दो दोस्तों ने फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया और चेक गणराज्य का दौरा किया. अब तक, विमान ने 86 घंटे की उड़ान दर्ज की है. अशोक कहते हैं कि वो अगले महीने तक ब्रिटेन लौटने के बाद वह और यात्राएं करेंगे.