97 साल पहले हुई थी भारत में स्वच्छ परिवहन की शुरुआत, मुंबई की हार्बर लाइन पर चली थी देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन

देश का सबसे किफायती परिवहन साधन- भारतीय रेलवे की ज्यादातर ट्रेनें इलेक्ट्रिक हैं. और ट्रेनों को इलेक्ट्रिक करने की शुरुआत चंद साल पहले नहीं बल्कि 97 साल पहले ही हो गई थी. जी हां, देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन आज से 97 साल पहले चली थी. 

The first electric train after being flagged off in 1925 (Image: Mid-day)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 03 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST
  • 3 फरवरी 1925 को चली थी देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन
  • आज 70% से ज्यादा रेलवे का हो चुका है इलेक्ट्रिफिकेशन

आज ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए हर कोई यही कहता है कि ऑटोमोबाइल का भविष्य ‘इलेक्ट्रिक’ है. साइकिल, स्कूटर से लेकर गाड़ी, ट्रेक्टर और बसों तक- ट्रांसपोर्ट के हर माध्यम को इलेक्ट्रिक करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, परिवहन साधनों का इलेक्ट्रिक होना भारत के लिए कोई नया नहीं है. 

देश का सबसे किफायती परिवहन साधन- भारतीय रेलवे की ज्यादातर ट्रेनें इलेक्ट्रिक हैं. और ट्रेनों को इलेक्ट्रिक करने की शुरुआत चंद साल पहले नहीं बल्कि 97 साल पहले ही हो गई थी. जी हां, देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन आज से 97 साल पहले चली थी. 

….जब चली देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन: 

यह तारीख थी 3 फरवरी 1925. जो आज भी भारतीय रेलवे के स्वर्णिम इतिहास में अंकित है. क्योंकि यह वह दिन था जब बॉम्बे (अब मुंबई) में विक्टोरिया टर्मिनस (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) के प्लेटफॉर्म नंबर 2 को सजाया गया था. 

रेलवे के कर्मचारी और कुछ आम नागरिक बड़ी आतुरता से तब बॉम्बे के गवर्नर सर लेस्ली विल्सन का बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे. गवर्नर विल्सन अपनी पत्नी के साथ बग्घी में सवार होकर स्टेशन पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत हुआ. 

Crowd waiting for the first electric train at Kurla station (Image: Mid-day)

इसके बाद 3 फरवरी 1925 को सुबह के 10 बजे गवर्नर विल्सन ने देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का उद्घाटन किया. 

हार्बर लाइन पर चली पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन: 

देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन विक्टोरिया टर्मिनस से लेकर कुर्ला तक हार्बर लाइन पर चलाई गई थी. इस 4 डिब्बों वाली ट्रेन ने 50 मील/घंटा के हिसाब से 16 किमी की दूरी तय की थी. देश की यह पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन सीमेंट के फर्श वाली थी और देश का पहला मोटरमैन होने का सौभाग्य जहांगीर फ्रेमजी दारुवाला को. 

उस समय एक रेलवे पत्रिका में कहा गया, "अब बॉम्बे में स्वच्छ परिवहन का युग आया है. भारत दुनिया का चौबीसवाँ देश बन गया है जिसके पास इलेक्ट्रिक रेलवे है, और एशिया में तीसरा देश है." बताया जाता है कि उस समय बिजली की सप्लाई को छोड़कर इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए सभी इनपुट इंग्लैंड में विभिन्न कंपनियों से आयात किए गए थे. 

इसके बाद देश में भारतीय रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन लगातार होता रहा. आज 70% से ज्यादा भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिक है. और अब भारतीय रेलवे का उद्देश्य 2030 तक नेट जीरो होना है ताकि पर्यावरण संरक्षण में यह अपना योगदान दे सके. 

 

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