Rameswaram Vertical Lift Rail Sea Bridge: ऊपर ट्रेन, नीचे जहाज! समंदर पर बना देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज, जानिए रामेश्वरम के नए पंबन ब्रिज की खासियत

रामेश्वरम में समंदर पर देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज (Rameswaram Vertical Railway Bridge) बनकर तैयार हो गया है. ये पुल पुराने पंबन ब्रिज (Pamban Bridge Rameswaram) की जगह लेगा. नए ब्रिज के बनने से समंदर पर जहाज और ट्रेन का सफर आसान हो जाएगा.

India's First Sea Vertical Lift Rail Bridge in Rameswaram (Photo Credit: Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST
  • 2019 में पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
  • पुराने पंबन पुल की जगह लेगा नया ब्रिज

Rameswaram Vertical Lift Rail Sea Bridge: रामेश्वरम भारत की सबसे फेमस और ऐतिहासिक जगहों में से एक है. रामेश्वरम का जिक्र रामायण में होता है. इस वजह से ये जगह और भी खास है. रामेश्वरम के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. यहां पर समंदर पर देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज (Rameswaram Vertical Railway Bridge) बनकर तैयार हो गया है.

रामेश्वर में समंदर पर बना एक पंबन ब्रिज (Pamban Bridge Rameswaram) पहले से है. इस पुल का नया पंबन ब्रिज कहा जा रहा है. समंदर की गहराई में बने इस पुल को कई हाईटेक टेक्नीक से बनाया गया है. ये ब्रिज मंडपम से पंबन तक बनाया गया है.

नए पंबन ब्रिज के बनने से लोगों को काफी सहायता होगी. कुछ ही मिनटों में रामेश्वरम से मंडपम पहुंचा जा सकेगा. इस ब्रिज को भारतीय रेलवे बनवा रहा है. इसके बनने से समुद्र के ऊपर ट्रेन अपनी रफ्तार से दौड़ सकेगी. आइए देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज के बारे में जानते हैं.

क्या है खासियत?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में इस नए पंबन ब्रिज की आधारशिला रखी थी. इस पुल का बनाने का काम रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) को दिया गया है. नया पंबन ब्रिज लगभग 2.08 किलोमीटर लंबा है. समुद्र तल से ये ब्रिज 22 मीटर और पुराने पंबन ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है.

इस पुल के बनने के बाद समुद्र में नीचे जहाज और ऊपर ट्रेन को गुजरने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. ये पूरा ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा  है. इसमें 72 मीटर वर्टिकल लिफ्टिंग सेक्शन बनाया गया है.  जब नीचे से समुद्री जहाज गुजरेगा तो पुल का ये हिस्सा ऊपर हो जाएगा. जहाज के निकलने के बाद पुल में वापस जुड़ जाएगा. इसके बाद ट्रेन ब्रिज पर अपनी रफ्तार से चलनी शुरू हो जाएगी.

कितना हुआ खर्च?
इस पुल को इस तरह से बनाया गया है कि लंबी-लंबी बोट भी यहां से गुजर सकेंगी. 2019 में आधारशिला रखने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इसके तैयार होने के बाद कई सारे ट्रायल भी हुए. पुराने पंबन ब्रिज पर ट्रेन सिर्फ 10 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती थी. वहीं इस नए पुल पर ट्रेन 80 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकेगी. 

पुराने पंबन रेल ब्रिज को 2022 में बंद कर दिया गया था. न्यू पंबन ब्रिज के ट्रायल पूरी तरह से सफल रहे. इस शानदार पुल के बनने में लगभग 540 करोड़ रुपए की लागत आई. अगले कुछ हफ्ते में समंदर पर बने देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज पर ट्रेन दौड़ती नजर आएंगी. आने वाले सालों में यहां डबल ट्रैक ब्रिज भी बनाया जाएगा. 

पंबन ब्रिज का इतिहास
पंबन पुल का रामेश्वरम से काफी पुराना रिश्ता है. पंबन ब्रिज रामेश्वरम को मंडपम से जोड़ने वाले एक रेलवे पुल है. पंबन रेलवे ब्रिज को अंग्रेजों के समय में बनाया गया था. साल 1911 में पुराना पंबन ब्रिज बनना शुरू हुआ था. इस ब्रिज को बनने में 3 साल लगे थे. 

साल 1914 में पंबन ब्रिज बनकर तैयार हो गया था. सालों तक इस समुद्री पुल पर ट्रेनें चलती रहीं. साल 1988 में इसी समुद्र पर एक पंबन रोड ब्रिज बनाया गया. पंबन रोड ब्रिज रामेश्वरम को मंडपम से जोड़ता है. अब ये नया पंबन ब्रिज पुराने पुल की जगह लेगा.

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