त्योहारों के इस सीजन में आग से बचने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम ने खास इंतेजाम कर रखे हैं. चंडीगढ़ नगर निगम ने दो हाईटेक फोम फायर टेंडर को खरीदा है, जिससे बड़ी आग की घटना पर तुरंत काबू पाया जा सकेगा.
दरअसल, त्योहारों के इस मौसम में कोई अनहोनी घटना ना घटे और खुशी मातम में ना बदले उसको लेकर चंडीगढ़ नगर निगम ने भीड़भाड़ और बाजारों में इस बार खास तैयारी कर रखी है. इन हाईटेक फॉर्म टेंडर से कहीं भी रासायनिक, तेल, केमिकल या फिर कहीं गैस लीक होकर आग लगेगी उस पर तुरंत काबू पाया जा सकेगा.
आज की जरूरत हैं ये टेंडर
चंडीगढ़ फायर स्टेशन के ऑफिसर गुरमीत सिंह गिल ने गुड न्यूज टुडे के साथ खास बातचीत में बताया कि यह दोनों हाईटेक फायर फॉर्म टेंडर आज की जरूरत थे. ये पूरी तरह से लेटेस्ट इक्विपमेंट के साथ लेस हैं उसके साथ-साथ अगर किसी हाई टावर बिल्डिंग में आग लग जाए वहां से भी लोगों को रेस्क्यू करने में भी यह फायर टेंडर उपयोग में ले जा सकेंगे.
गुरमीत सिंह गिल ने बताया कि चंडीगढ़ में आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए लगभग 35 फायर अप्लायंसेज मौजूद हैं. इसमें वाटर टेंडर, फोम टेंडर, इमरजेंसी रेस्क्यू टेंडर, एडवांस फायर टेक्नोलॉजी से लैस है. वहीं गिल ने बताया कि तमाम भीड़भाड़ और बाजारों में 10 फायर स्टेशंस को भी टेंपरेरी तौर पर बनाया जाएगा. जिससे अगर कोई ऐसी घटना घटती है तो वहां पहुंचने के लिए रिस्पांस टाइम कम लगे और आगजनी पर काबू पाया जा सके.
40 स्पेशलाइज्ड एनएफसी सर्टिफाइड कर्मचारी हैं
आगजनी और इमरजेंसी की स्थिति में आग पर तुरंत काबू पाने के लिए 40 स्पेशलाइज्ड एनएफसी सर्टिफाइड कर्मचारी चंडीगढ़ के अंदर मौजूद हैं. जबकि राउंड द क्लॉक लगभग 600 कर्मचारी अपनी ड्यूटी देंगे. गुरमीत सिंह गिल ने बताया कि अमूमन चंडीगढ़ में औसतन 80 से 90 आग संबंधी कॉल्स फायर स्टेशन में आती है लेकिन अच्छी खबर यह है कि पिछले दो सालों में दिवाली की रात उन कॉल्स में कमी देखने को मिली है. गिल ने बताया कि दिवाली की रात रात 10:00 बजे से लेकर सुबह 4:00 बजे तक पहले लगभग 50 के आसपास कॉल्स आया करती थी, लेकिन पिछले दो सालों से लगभग 30 से 35 कॉल ही आई हैं. इसका कारण है कि लोगों में जागरूकता और सतर्कता बढ़ गई है.