पंजाब के रोपड़ के पांच वर्षीय तेगबीर सिंह ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल की है. वह माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) पर चढ़ने वाले एशिया के अब तक के सबसे कम उम्र के इंसान बन गए हैं. माउंट किलिमंजारो अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है और तंजानिया में 19,340 फीट (5895 मीटर) से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है.
तेगबीर ने 18 अगस्त को माउंट किलिमंजारो की यात्रा शुरू की और 23 अगस्त को पहाड़ की सबसे ऊंची उहुरू चोटी पर पहुंचे. आपको बता दें कि यह कम ऑक्सीजन वाला ट्रेक है. लेकिन इन सभी चुनौतियों पर को पार करते हुए वह सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचे, जिसका सामान्य तापमान -10 सेल्सियस है. और उन्होंने अपना सपना पूरा किया.
रिकॉर्ड बनाने वाले सबसे कम उम्र के एशियाई और भारतीय
तेगबीर रोपड़ के शिवालिक पब्लिक स्कूल के पहली कक्षा के छात्र हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, किलिमंजारो राष्ट्रीय उद्यान सहित तंजानिया राष्ट्रीय उद्यानों के संरक्षण आयुक्त ने उन्हें माउंटेन क्लाइंबिंग सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया. तेगबीर ने मीडिया से कहा कि उन्हें पता था कि उन्हें कहां पहुंचना है. और वहां उन्होंने अपने पिता के साथ एक तस्वीर ली.
तेगबीर से पहले पिछले साल 6 अगस्त को सर्बिया के एक बच्चे ओग्जेन ज़िवकोविच ने पांच साल की उम्र में माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई की थी. अब तेगबीर ने इस विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. माउंट किलिमंजारो की ट्रैकिंग पर दुनिया के पोर्टल्स लिंक के अनुसार, तेगबीर सिंह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के एशियाई और भारतीय हैं.
परिवार ने दिया पूरा साथ
तेगबीर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच बिक्रमजीत सिंह घुमन, एक रिटायर्ड हैंडबॉल कोच और उनके परिवार को दिया. तेगबीर ने इस उपलब्धि के लिए लगभग एक साल पहले तैयारी शुरू कर दी थी. उन्हें घुमन ने ट्रेनिंग दी. वह उनके साथ साप्ताहिक ट्रेक पर जाते थे और अलग-अलग जगहों पर कोचिंग करते थे.
तेगबीर के पिता बतौर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर काम करते हैं जबकि उनकी मां, डॉ मनप्रीत कौर गायनोकोलॉजिस्ट हैं. उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा अपना पैशन फॉलो करने के लिए प्रेरित किया. तेगबीर ने ट्रेनिंग के साथ-साथ अपना डाइट रूटीन भी फॉलो किया. इससे पहले, तेगबीर सिंह ने इसी साल अप्रैल में अपना माउंट एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक पूरा किया था.