हर साल 1 अक्टूबर को इंटरनेशनल कॉफी डे मनाया जाता है. यह दिन उन सभी लोगों के आदर और सम्मान के लिए मनाया जाता है, जो कॉफी के व्यवसाय से जुड़े हैं. इस दिन को सेलिब्रेट करने का एक और रीजन है, वह है कॉफी के व्यापार को बढ़ावा देना.
कॉफी का इतिहास
कॉफी का इतिहास बहुत पुराना है. कॉफी के इतिहास की बात की जाए तो लगभग सभी लोग अलग-अलग तर्क देते हैं. कई लोगों का मानना है कि कॉफी को अफ्रीका, वियतनाम, इंडोनेशिया और अमेरिका जैसे देशों में प्राचीन काल से ही लोग पसंद करते थे. एक तर्क के अनुसार यूरोप में 16वीं शताब्दी और 17वीं शताब्दी के बीच कॉफी काफी मशहूर थी. वहीं एक अन्य तर्क के अनुसार कॉफी की सबसे पहली शुरुआत 850 ईसवी के आसपास इथियोपिया देश में हुई थी. मुख्य रूप से लाल सागर के दक्षिण छोर पर मौजूद इथियोपिया को कॉफी के जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है.
कब से मनाया जा रहा कॉफी दिवस
इंटरनेशनल कॉफी ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना साल 1963 में लंदन में हुई थी. उसके बाद इंटरनेशनल कॉफी ऑर्गेनाइजेशन ने साल 2015 में इटली के मिलान में पहला विश्व कॉफी दिवस आयोजित किया था. इसके बाद से हर साल 1 अक्टूबर को कॉफी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
भारतीय कॉफी की गुणवत्ता सबसे अच्छी
भारत एशिया में कॉफी का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है और दुनिया में कॉफी का छठा सबसे बड़ा उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है. भारत की कॉफी उच्चतम गुणवत्ता के लिए जानी जाती है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रीमियम माना जाता है. भारत में कॉफी के दो मुख्य प्रकार हैं पहला अरेबिका और दूसरा रोबस्टा.
अरेबिका का स्वाद मीठा और मुलायम होता है. वहीं रोबस्टा आमतौर पर कलिकाओं पर अधिक कड़वा और कठोर होता है. भारत में कॉफी के उद्योग से 2 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार मिला है. भारत का अधिकांश कॉफी उत्पादन देश के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है, कर्नाटक कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो भारत का लगभग 70 प्रतीशत उत्पादन करता है.
कॉफी पीने के फायदे
1. कॉफी हमारे मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करके वजन को घटाने में मदद करता है.
2. कॉफी पीने वाले लोगों को लिवर कैंसर का खतरा कम रहता है.
3. रोजाना कॉफी पीने से पार्किंसंस रोग का खतरा कम हो जाता है.
4. कॉफी के सेवन से तनाव में राहत मिलता है. मस्तिष्क भी सक्रिय होता है.
5. कई शोधों के जरिए खुलासा हुआ है कि रोजाना कॉफी पीने से अल्जाइमर का खतरा कम हो जाता है.
6. रोजाना कॉफी के सेवन से याददाश्त शक्ति बढ़ती है.
7. कॉफी टूटे DNA को मरम्मत करने में अहम भूमिका निभाती है.
8. रोजाना ब्लैक कॉफी पीने से शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है. कॉफी के सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है.
9. कॉफी में विटामिन B2, B5, B3 जैसे जरूरी पोषक तत्व और मैंगनीज और पोटेशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो शरीरके लिए फायदेमंद होते हैं.
दुनिया की सबसे महंगी कॉफी
1. ब्लैक आइवरी कॉफी का उत्पादन थायलैंड में किया जाता है. इस कॉफी को बनाने के लिए अरेबिका चेर्रीज हाथी को खिलाए जाते हैं, फिर उसके मल से उसके दानें चुने जाते हैं और फिर उन्हें प्रोसेस कर कॉफी बनाई जाती है. इस कॉफी की कीमत लगभग 1500 डॉलर प्रति केजी है. इसकी महंगी कीमत का कारण यह है कि इसको बनाने के लिए काफी ज्यादा मात्रा में अरेबिका चेर्रीज का इस्तेमाल होता है.
2. कोपी लुवाक कॉफी दुनिया की सबसे महंगी कॉफी में से एक है. इस कॉफी को इंडोनेशिया में बनाया जाता है और इसकी खासियत यह है कि आम कॉफी की तरह इसमें कड़वाहट नहीं होती. इसका कारण है कि इस कॉफी को बनाने का तरीका. इस कॉफी के बीन्स सिवेट कैट को खिलाए जाते हैं और फिर उनके मल से इस कॉफी के दाने चुने जाते हैं. इस वजह से इसे पूप कॉफी भी कहा जाता है. उस जानवर के पाचन तंत्र से हो कर निकलने के कारण इसकी कड़वाहट और ऐसिडिटी खत्म हो जाती है. इस कॉफी की कीमत प्रति किलोग्राम लगभग 600 डॉलर है.
3. हेसिंडा ल एस्मेराल्डा कॉफी पश्चिम पनामा के पर्वतीय क्षेत्र में उगाई जाती है. यह कॉफी दुनिया की सबसे महंगी कॉफी में से एक है. इसके बीन्स को हाथ से चुन कर इसे ठंडी हवा में पकने के लिए छोड़ जाता है. इसे उगाने में बहुत मेहनत लगने के कारण इसकी कीमत बहुत अधिक होती है. इसकी कीमत लगभग 350 डॉलर प्रति केजी (किलोग्राम) है.
4. एल इंजेरतो कॉफी ग्वाटेमाला के में उगने वाले फल इंजेरतो से बनाई जाती है. इस कारण से इस कॉफी का स्वाद थोड़ा फ्रूटी सा लगता है. अन्य कॉफी की तुलना में इसका स्वाद मीठा लगता है, जो इसे अलग बनाता है. इस कॉफी की कीमत लगभग 50 डॉलर प्रति केजी है.
5. जमाईकन ब्लू माउंटेन कॉफी जैसा कि नाम से समझा जा सकता है कि यह कॉफी जमाइका के ब्लू माउंटेन क्षेत्र में उगाई जाती है. इसकी कीमत लगभग 140 डॉलर प्रति केजी है.
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