International Women's Day 2023: गुजरात की एक अनपढ़ महिला सालाना कमा रही सवा करोड़ रुपये से भी ज्यादा, दूध में श्वेत क्रांति लाने जैसा किया काम, बना चुकी कई रिकार्ड्स 

International Women's Day 2023: गुजरात की एक अनपढ़ महिला सालाना सवा करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमा रही है. नवलबेन ने दूध में श्वेत क्रांति लाने जैसा काम किया है. इतनी ही नहीं वे इसी में कई सारे रिकार्ड्स बना चुकी हैं.

गुजरात की ये महिला सालाना कमा रही सवा करोड़ से भी ज्यादा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोपी घांघर
  • गुजरात,
  • 06 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:16 PM IST
  • दूध जमा करवाने में बनाया है रिकॉर्ड 
  • सुबह 4 बजे से होती है दिन की शुरुआत 

जहां चाह वहां राह! ये बात गुजरात की 63 साल की महिला नवलबेन के पर बेहद सटीक बैठती है.  दरअसल, नवलबेन ने इस पुरुष प्रधान समाज में ही अपना परचम लहराने में कोई कमी नहीं छोडी है. बता दें, नवलबेन को अपना नाम तक पढ़ना-लिखना नहीं आता है. लेकिन आज अगर इस उम्र में भी उनकी कमाई देखें तो वे सालाना सवा करोड़ से ज्यादा की कमाई करती हैं. 

सालाना करोड़ों की है कमाई 

गुजरात के बनासकांठा जिले के नागाणा गांव की रहने वाली नवलबेन ने दूध में श्वेत क्रांति लाने जैसा काम किया है. आज बनासकांठा, पाटल, महेसाणा जैसे जिले की महिलाओं के लिए नवलबेन एक मिसाल बन चुकी हैं. दरअसल 2020 में नवलबेन ने कोरोना के लॉकडाउन जैसे वक्त में जहां लोगों का व्यापार बंद हो गया था, वहां 1 करोड़ 10 लाख रुपये कमाए. साल 2021 और 2022 में भी नवलबेन ने 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा रुपये कमाएं हैं. 

दूध जमा करवाने में बनाया है रिकॉर्ड 
 
बताते चलें, नवलबेन ने पांच से ज्यादा बार डेरी में सबसे ज्यादा दूध जमा करवाने का रिकॉर्ड बनाया है. नवलबेन को देखकर आज पूरे जिले की महिलाएं उनके पास ज्यादा दूध कैसे मिले और कैसे अपनी मवेशियों का ख्याल रखें ये सीखने के लिए आती हैं. 

नवलबेन चौधरी रोजाना सुबह और शाम मिलाकर 1000 लीटर से भी ज्यादा दूध बेचती हैं. नवल बहन का कहना है कि मेरे चार बेटे हैं. ये सभी नौकरी करते हैं. आज उनके पास 100 भैंस हैं और 60 से ज्यादा गाय हैं. इन्हीं से वे डेरी में दूध जमा करती हैं. इतना ही नहीं नवलबेन आज लोगों को नौकरी भी दी हैं. वे बताती हैं कि आज उन्होंने अपने गांव के 10 से ज्यादा लोगों को गाय और भैंस के रखरखाव के लिए नौकरी भी दी है. नवलबेन का हर महीना का मुनाफा 3.50 लाख से ज्यादा हैं.

सुबह 4 बजे से होती है दिन की शुरुआत 

नवलबेन का कहना है कि सुबह 4 बजे से उनके दिन की शुरुआत हो जाती है. 7 बजे तक वे पूरा दूध डेरी में भरने के लिए तैयार हो जाती हैं. दूध को डेरी में भर एक बार फिर शाम को दूध की तैयारी में लग जाती हैं. नवलबेन को बनासकांंठा के बेस्ट पशुपालक का अवार्ड भी मिल चुका है. नवलबेन का कहना है कि जब उनकी शादी हुई थी तब उनके पिता ने उन्हें एक भैंस दी थी, जिसका वे दूध निकलती थी. लेकिन आज उनके पास इतनी सारी भैंस और गाय हैं. वे इनसे पैसे कमाती हैं और इसी पैसे से मवेशियों की देखभाल भी करती हैं. 


 

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