महिलाएं कभी चांद पर तो कभी आसमान में उड़ान भरते हुए नजर आती है. कभी देश का नाम तो कभी प्रदेश का नाम रोशन करती हैं. विश्व में अपना परचम लहराने वाली महिलाएं आज के जमाने में पुरुषों से पीछे नहीं हैं. बल्कि हर कार्य क्षेत्र में महिलाएं आपको आगे ही नजर आएंगी. आज ऐसी ही एक महिला के बारे में हम आपको बता रहे हैं जो सबके लिए मिसाल है.
कहते हैं ना कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है और इसे साबित कर दिखाया है पहाड़ की आयरन लेडी ने. उत्तराखंड के नैनीताल जनपद से लगभग के मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर बसे रामगढ़ क्षेत्र में ओड़ाखान गांव निवासी कमला नेगी मिसाल बनी हुई हैं. कमला 54 वर्ष की उम्र में भी बड़ी आसानी से छोटे-बड़े वाहनों सहित जेसीबी के टायर पंचर जोड़ देती हैं.
लोग कहते हैं "टायर डॉक्टर"
आसपास के लोग कमला देवी के नाम के साथ-साथ "टायर डॉक्टर" के नाम से भी पुकारते हैं. कमला पहाड़ों में उन पर्यटकों के लिए देवी के समान ही हैं जिनका टायर पंक्चर हो जाता है या अन्य किसी समस्या के कारण उनकी गाड़ियां खराब हो जाती है. दिन हो या रात, किसी को भी परेशानी न हो इसलिए कमला ने दुकान के बाहर ही अपना नम्बर लिखा हुआ है.
लोग उन्हें फ़ोन करते हैं और वह तुरंत टायरों की पंचर जोड़ने के साथ-साथ खराब गाड़ियों को ठीक करने आ जाती है. कमला नेगी का घर उनके दुकान के पास ही है. कमला लगभग 15 साल से यह काम कर रही हैं. साइकिल हो या कार ट्रक हो या जेसीबी मशीन, सभी गाड़ियों के टायर कुछ मिनटों में ही अकेले खुद पंचर जोड़कर गाड़िया ठीक कर देती हैं.
काम के लिए मिले हैं सम्मान
54 वर्ष की उम्र में भी उनके काम करने के सामर्थ्य, फुर्ती और जज्बे के सभी मुरीद हैं. कमला को तमाम संस्थाओं की ओर से इस कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं. उनका मानना है की मेहनत, लगन और दिल से जो काम किया जाए तो सफलता पीछे दौड़ी चली आती है।
साथ ही, कमला एक एनजीओ में भी कार्य कर रही हैं और अध्यक्ष का दायित्व निभा रही हैं. हालांकि, उनका कहना है कि उन्हें असली मजा गाड़ियों के साथ वक़्त बिताने में आता है. रोजाना सर्विसिंग, पंचर जोड़ने के थकान भरे काम के बाद घर के कामकाज को देखते हुए, उनके पति हयात उनकी तारीफ करते नहीं थकते. हयात कमला का हौसला बढ़ाते हुए कहते हैं — मेरी पत्नी किसी आयरन लेडी से कम नही है.
आपको बता दें कि कमला के दो बच्चे हैं. बेटा देश सेवा के लिए सीमा सुरक्षा बल में तैनात है तो बेटी के हाथ पीले कर दिए हैं. उनके परिवार को उनपर गर्व है.
(राहुल सिंह दरम्वाल की रिपोर्ट)