Jammu and Kashmir: इंडियन आर्मी को सैल्यूट! सेना ने उठाया कश्मीर के 9 साल के Burhan के इलाज का पूरा खर्च

कश्मीर के 9 साल के बुरहान के दिल की नसें ब्लॉक थी. परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. खेती से घर का गुजारा चलता है. पिता ने इंडियन आर्मी से मदद मांगी. आर्मी ने बच्चे के इलाज का पूरा इंतजाम किया. उसकी सर्जरी दिल्ली के आरआर हॉस्पिटल में कराई गई. अब बुरहान स्वस्थ है और बड़ा होकर सेना में जाना चाहता है.

9 year old Burhan with family
अनामिका गौड़
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

इंडियन आर्मी की कोशिश से कश्मीर के एक 9 साल के बच्चे की जिंदगी बच गई. घाटी के बच्चे बुरहान के दिल की 2 नसें ब्लॉक हो गई थी. स्थानीय डॉक्टरों ने इलाज में 10 लाख रुपए का खर्च बताया. लेकिन परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. बीमार बच्चे को लेकर पूरा परिवार परेशान था. एक दिन बुरहान के पिता ने आर्मी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल से मुलाकात की और अपनी कहानी बताई. इसके बाद इंडियन आर्मी ने बच्चे का इलाज कराया और उसकी जान बचाई.

इलाज के नहीं थे पैसे-
9 साल का बुरहान जम्मू-कश्मीर के बारामूला इलाके का रहने वाला है. बुरहान बचपन से ही बाकी बच्चों से थोड़ा अलग है. वो दिमाग के रूप से थोड़ा कमजोर है. बुरहान के पिता बारामूला में ही खेती करते हैं और इससे अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. एक साल पहले बुरहान के परिवार को पता चला कि उसको दिल की बीमारी है तो पूरा परिवार टूट गया. परिवार के पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे. डॉक्टरों ने बताया कि अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो बच्चे के पास सिर्फ 2 साल की समय बचा है.

इंडियन आर्मी ने उठाई जिम्मेदारी-
बुरहान बारामूला में भारतीय सेना के चलाए जा रहे एक स्कूल में ही पढ़ने जाता है. वहीं बुरहान के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल हनदीप पुरी से मिले और उन्हें अपनी कहानी सुनाई. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरी ने परिवार को भरोसा दिलाया कि वह कुछ ना कुछ मदद करेंगे. इसके बाद इंडियन आर्मी ने फैसला किया कि बच्चे का इलाज दिल्ली के आरआर हॉस्पिटल में कराया जाए, ताकी  बच्चे को बेहतरीन इलाज मिल सके और उसकी जिंदगी बचाई जा सके.

दिल्ली में बुरहान का कराया इलाज-
बुरहान के दिल की दो नसें ब्लॉक हो गई थी. जिसका इलाज सिर्फ एक जटिल सर्जरी के जरिए ही संभव था. कश्मीर के डॉक्टर ने परिवार को बताया था कि इलाज के लिए 10 लाख रुपए का खर्च आएगा. आर्मी ने इलाज के लिए 5 लाख रुपए का फंड जमा किया. इसके साथ ही बुरहान को अपने खर्च पर दिल्ली भेजा और आरआर अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई.
 
सेना में जाना चाहता है बुरहान-
सर्जरी से पहले बुरहान काफी कमजोर हो गया था. मां-बाप ने उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन आर्मी ने बुरहान को एक बार फिर से नया जीवन दिया. अब बुरहान पहले से स्वस्थ है. बुरहान बड़ा होकर सेना में भर्ती होना चाहता है और देश की सेवा करना चाहता है.

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED