अपनी जगह रोबोट को स्कूल भेज पाएंगे छात्र, घर बैठे रियल टाइम मिलेगी स्कूल में पढ़ाई जा रही जानकारी

जापान के एक स्कूल ने छात्रों की अनुपस्थिति में उनकी जगह रोबोट का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है ताकि उनकी मदद से अनुपस्थित बच्चे वर्चुअल पढ़ सकें. माइक्रोफोन, स्पीकर और कैमरे से लैस रोबोट स्कूल और घर बैठे बच्चों से कम्यूनिकेट करेंगे.

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  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST
  • स्टूडेंट्स अपनी जगह रोबोट को क्लास में भेज सकेंगे
  • कोविड-19 के बाद स्कूलों में नहीं आ रहे बच्चे

बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें स्कूल जाना नहीं पसंद होता...या कई बच्चे बीमार होने की वजह से स्कूल से एबसेंट रहते हैं. ऐसे बच्चों के लिए जापान ने नया तरीका निकाला है. जापान में जल्द ही स्टूडेंट्स अपनी जगह रोबोट को क्लास में भेजकर पढ़ाई कर सकेंगे. अपनी जगह पर किसी और को स्कूल भेजने का आइडिया उन बच्चों के लिए अच्छा हो सकता है जिन्हें स्कूल जाना पसंद नहीं है. 

टेबलेट की मदद से किया जाएगा कंट्रोल

जापान के एक स्कूल ने छात्रों की अनुपस्थिति में उनकी जगह रोबोट का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है ताकि उनकी मदद से अनुपस्थित बच्चे वर्चुअल पढ़ सकें. माइक्रोफोन, स्पीकर और कैमरे से लैस रोबोट स्कूल और घर बैठे बच्चों से कम्यूनिकेट करेंगे. 3 फीट लंबे रोबोट को छात्र स्कूल के मैदान में भी ले जा सकेंगे. इसे टेबलेट की मदद से कंट्रोल किया जा सकेगा. इसमें स्पीकर लगाए गए हैं, जिसकी मदद से स्टूडेंट जो कुछ घर से ही बोलेंगे, उसे क्लास में रोबोट ऑडियो के रूप में जारी करेगा. हाल ही में इसका सफल प्रयोग भी किया गया था.

पढ़ाई का नुकसान होने से बचाना मकसद

इस नई पहल का उद्देश्य अनुपस्थित बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होने से बचाना है. बच्चे घर से रोबोटो के जरिए वो सब काम करने में सक्षम होंगे, जो वे स्कूल में करना चाहते हैं. कोविड 19 के बाद जापान में स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है. कई बच्चे बुली करने तो कई रैगिंग से परेशान होकर स्कूल नहीं जाना चाहते हैं. इसलिए स्कूल जाने में असमर्थ बच्चों को पढ़ाई के लिए और अधिक विकल्प देना सरकार की जिम्मेदारी है.

बच्चों के अंदर से डर दूर करेगा रोबोट

इन रोबोटों के जरिए कम्यूनिकेट करना पूरी तरह से वास्तविक नहीं है, लेकिन ये कम से कम उन बच्चों को वास्तविकता का अहसास जरूर दे सकता है जो दूसरों के साथ बातचीत करने से डरते हैं. ये पहल बच्चों के मनोवैज्ञानिक डर को दूर करने में भी मदद करेगा. दरअसल जापान में साल 2021 में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एबसेंट स्टूडेंट की संख्या 244,940 पहुंच गई है. जोकि अपने आप में रिकॉर्ड है.

 

 

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