जेवर की दो बहनों ने डेवलेप की सिक्स सेंस.. बंद आंखों से बता देती हैं चीजों के रंग

क्या आप बिना देखे किसी चीज का रंग बता सकते हैं? क्या आप बिना देखे ही बता सकते हैं कि अखबार में आज की खबर क्या है. क्या आप बिना देखे यह बता सकते हैं कि किसी दूसरे के बैंक कार्ड पर क्या लिखा हुआ है वह भी सिर्फ छूकर. क्या आप अपने एक हाथ को घड़ी की सुई की दिशा में और दूसरा हाथ घड़ी की विपरीत दिशा में घुमा सकते हैं?

Jewar magical sisters
मनीष चौरसिया
  • जेवर,
  • 13 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST
  • आंखों पर पट्टी बांधकर पहचानती हैं रंग
  • वीडियो देखकर शुरू की रिसर्च

क्या आप बिना देखे किसी चीज का रंग बता सकते हैं? क्या आप बिना देखे ही बता सकते हैं कि अखबार में आज की खबर क्या है. क्या आप बिना देखे यह बता सकते हैं कि किसी दूसरे के बैंक कार्ड पर क्या लिखा हुआ है वह भी सिर्फ छूकर. क्या आप अपने एक हाथ को घड़ी की सुई की दिशा में और दूसरा हाथ घड़ी की विपरीत दिशा में घुमा सकते हैं? नहीं न ..लेकिन गौतम बुध नगर में जेवर की दो बच्चियों ने यह कर दिखाया इनके पिता यह दावा करते हैं कि उनकी बेटियों ने मेडिटेशन और योग साधना के जरिए अपनी सिक्सथ सेंस को विकसित कर लिया है. इनके नाम हैं सिंपी और साक्षी.

आंखों पर पट्टी बांधकर पहचानती हैं रंग
पहले हमने दोनों बच्चियों की आंखें पट्टी से बंद कर दी. दोनों बच्चियों को हमने बारी-बारी से अलग-अलग रंग की बॉल दी और उनसे उनका रंग पूछा बच्चियों ने झट से सही जवाब दे दिया. उसके बाद हमने दोनों बच्चों के हाथ में कुछ प्ले कार्ड रखे. बच्चियों ने ना सिर्फ यह बताया कि कार्ड में क्या नंबर लिखा है बल्कि कार्ड में जितने भी रंग है सब के बारे में बता दिया. यह दोनों ही बच्चियां आंखों में पट्टी बांधकर न्यूज़ पेपर पढ़ सकती हैं. चाहे आप उनसे न्यूज़पेपर हाथों से पढ़वाएं या फिर पैरों से इनके जवाब आपको सही ही मिलेंगे.

कहां से आया विचार 
अब हमने अपनी कुछ चीजें सिंपी और साक्षी के हाथों में देना शुरू किया. उन्होंने उसकी पहचान भी कर ली यहां तक कि दोनों बच्चियों को जब नोट दिए गए तो उन्होंने न सिर्फ ये पहचाना कि नोट कितने का है बल्कि उस नोट पर लिखे नंबर को भी बता दिया. हमारे सहयोगी मनीष का हाथ पकड़ कर सिंपी ने यह भी बता दिया कि मनीष के हाथ में किस-किस रंग के धागे बंधे हुए है.
सिंपी और साक्षी बताती हैं कि उन्होंने यह सब कोविड के दौरान करना शुरू किया. एक दिन घर में बैठे-बैठे  दोनों बहनें फोन देख रही थी अचानक उनके सामने एक पेज खुला जिस पर लिखा था कि छठी इंद्री को कैसे जगाया जाए. 

वीडियो देखकर शुरू की रिसर्च
सिंपी और साक्षी ने यह बात पिता को बताई सब ने मिलकर उस वीडियो को देखा और फिर आगे उसको लेकर रिसर्च शुरू की और इस तरह यह सिलसिला शुरू हुआ. इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि दोनों बच्चियों का कंसट्रेशन पावर बढ़ गया जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई में बहुत फायदा हुआ. सिंपी और साक्षी बताती है कि उनके क्लास में दोनों को लेकर उनके दोस्तों में अलग ही क्रेज है. कुछ दोस्त उनसे डरने भी लगे हैं क्योंकि उनको लगता है कि अगर इन दोनों बहनों से कुछ भी झूठ बोला तो वह पकड़ लेंगी. सिंपी बताती हैं कि जब भी वह लोग किसी शादी का बर्थडे पार्टी में जाती हैं तो लोग उनसे आंखें बंद करके चीजें पहचानने को कहते हैं.

सिक्स सेंस डेवलेप करने को लेकर शुरू करेंगे कोर्स
सिंपी और साक्षी के पिता मनोज कुमार बताते हैं कि यह कोई चमत्कार नहीं है उनके बच्चों ने मेडिटेशन और साधना के जरिए यह मुकाम हासिल किया है. मनोज कुमार कहते हैं कि आने वाले दिनों में वह अपने बच्चियों की सिक्सथ सेंस इतनी ज्यादा डेवलप कर देंगे कि वह दीवार के आर-पार देख पाएंगी.मनोज कुमार का अपना स्कूल है और दावा करते हैं कि अप्रैल से वह सिक्स सेंस डिवेलप करने के लिए एक कोर्स की शुरुआत करने जा रहे हैं. पहले बैच में 50 बच्चे होंगे और 3 महीने के इस कोर्स में सभी बच्चों को हॉस्टल में ही रहना होगा. मनोज कुमार यह दावा करते हैं कि अगर वह सभी बच्चों को अपनी बच्चों की तरह ही नहीं बना पाए तो वह उनकी पूरी फीस वापस कर देंगे. सिंपी और साक्षी की काबिलियत पर कोई शक नहीं है कि उनके पिता भविष्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन अगर उनके दावे सच हुए तो सोचिए कि भला देश का भविष्य कैसा होगा.

 

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