अप्रैल खत्म हो रहा है और मई आने को है. वातावरण का तापमान बढ़ रहा है. इससे न सिर्फ इंसानों, बल्कि जानवरों के लिए भी परेशानियां शुरू हो गई हैं. पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी से राहत दिलाने के उपाय किए गए हैं.
स्प्रिंकलर लगाए गए, बदली गई डाइट
बाड़ों में स्प्रिंकलर लगाए गए हैं और जानवरों का आहार बदला गया है. खास कर शेरों और बाघों को ठंडक पहुंचाने और स्वस्थ रखने के लिए खास व्यवस्था की गई है. क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने समाचार एजेंसी पीटीआई से खास बातचीत में कहा, "हमारे जितने भी मांसाहारी वन्य जीव हैं, जैसे शेर हो गया, टाइगर हो गया और लेपर्ड भी. (गर्मियां आने पर) उनके खाने में मीट की मात्रा थोड़ी कम कर दी जाती है."
उन्होंने बताया, "सालाना डाइट के हिसाब से एक से दो किलोग्राम गोश्त डाइट से घटा दिया जाता है. उनके जो नाइट सेल्स हैं, उनमें हमने फॉगर्स की व्यवस्था की है. फॉगर्स चल रहे हैं, कूलर चल रहे हैं. उनके (सेल्स में) एग्जॉस्ट फैन भी चल रहे हैं. बाकी शाकाहारी जानवर हैं तो उनके बाड़े में भी रेन गन चल रही हैं. रेन गन से ठंडक उनको दी जाती है. जितने पक्षियों के बाड़े हैं उनके अंदर हम लोगों ने खस के पर्दे लगाए हैं. उसपर पानी थोड़ी देर में छिड़काव करके ठंडक बनाए रखते हैं."
उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हीटवेव
गौरतलब है कि आमतौर पर कानपुर चिड़ियाघर में जानवरों की डाइट मई के अंत में बदली जाती थी, लेकिन इस बार अप्रैल में ही यह कदम उठाया गया है. इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में हीटवेव (लू) ने जल्दी दस्तक दे दी है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि उत्तर प्रदेश में अप्रैल से 15 मई तक तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है.
इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को हीटवेव एक्शन प्लान के तहत काम करने के लिए कहा है. गर्मी के मौसम में कानपुर चिड़ियाघर में उठाए गए कदम जानवरों की सेहत बेहतर बनाए रखने में मदद कर रहे हैं. आहार में बदलाव से लेकर ठंड पहुंचाने के नए-नए तरीके जानवरों की देखभाल और आराम के लिए चिड़ियाघर प्रशासन की प्रतिबद्धता दिखलाते हैं.