अगर कुछ करने का हौसला बुलंद हो तो कोई भी परेशानी आपका रास्ता नहीं रोक सकती है. इस बात सच साबित किया है बिहार के एक बेटे ने. कटिहार जिले में कुर्सेला प्रखंड के इंदिराग्राम गांव में रहने वाले मिथुन कुमार ने गरीबी से लड़कर अपनी पहचान बनाई है.
मजदूरी करने वाले पिता का यह बेटा पुलिस की परीक्षा में पास हो गया है और अब दरोगा बनकर परिवार का नाम रोशन करेगा. मिथुन के पिता अशोक महतो मजदूरी का काम करते हैं. जो भी थोड़ी-बहुत कमाई होती है, उससे परिवार का भरण पोषण करते हैं. ऐसे में, बेटे का पुलिस में लगना इस परिवार के लिए बहुत बड़ी बात है.
घर-घर जाकर पढ़ाए ट्यूशन
मिथुन के पिता हर हाल में बेटे को आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते थे. इसलिए अपनी पेट काटकर उसकी पढ़ाई करवा रहे थे. लेकिन परिवार की हालत मिथुन से छिपी नहीं थी. अपने परिवार की माली हालत को देख उन्होंने लोगों के घरों में जाकर उनके बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया. जिससे उनकी पढ़ाई का कुछ खर्च निकल आता था.
मिथुन की यही मेहनत और लगन आज काम आई है और वह दरोगा की परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए. परिवार से लेकर इलाके के जनप्रतिनिधि और गांव के समाजसेवी सभी मिथुन की तारीफ कर रहे हैं. मिथुन के पिता को अपने बेटे पर गर्व है. मिथुन खुद आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए, दरोगा बनकर देश और समाज की सेवा करना चाहते हैं.
गंगा नदी में कट गई जमीन
मिथुन के पिता अशोक का कहना है कि वह मजदूर हैं. उनके पास एक बीघा जमीन थी जो गंगा नदी में कट गई. इसके बाद उन्होंने मजदूरी करना शुरू किया ताकि उनका बेटा कुछ बन सके. और आज उनकी मेहनत रंग लाई है. उनका कहना हा कि उनकी मेहनत आज सफल हो गई है.
(बिपुल राहुल की रिपोर्ट)