बिजली के मामले में आत्मनिर्भर है यह गांव, बिल में बचा रहे 60000 रुपए और एक्ट्रा यूनिट्स बेचकर कमा रहे हैं पैसे

केरल की एक ग्राम पंचायत से प्रेरणा लेकर तमिलनाडु की 37 ग्राम पंचायत Solar Power Plant अपनाने जा रही हैं ताकि बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो सकें.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST
  • पेरिंजनम ने पहली बार 2016 में रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत की
  • पेरिंजनम में बनती है 1.16 मेगावाट बिजली

देश में बिजली आपूर्ति हमेशा से ही एक बड़ी चुनौती रही है. खासकर कि बिजली के बढ़ते बिल लोगों को परेशान करते रहे हैं. लेकिन अब सौर ऊर्जा के कारण बहुत सी जगह लोग बिजली की बढ़ती लागत को चुनौती दे रहे हैं. 

जैसे कि केरल के त्रिशूर जिले की एक पंचायत. त्रिशूर के पेरिंजनम गांव ने वैकल्पिक बिजली उत्पादन और वितरण मॉडल को लागू करने के लिए एक मॉडल तैयार किया है. 

तमिलनाडु से देखने आए लोग 
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बुधवार को, तमिलनाडु के पंचायत अध्यक्षों और स्थानीय निकाय अधिकारियों सहित 45 अधिकारियों की एक टीम ने पेरिंजनम गांव का दौरा किया ताकि सौर ऊर्जा संयंत्रों के मॉडल देख-समझ सकें. 

आपको बता दें कि पेरिंजनम ने पहली बार 2016 में रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत की. चुनौतियों से जीतने के लिए, पंचायत ने अब 747 घरों में सौर ऊर्जा पैनल और केएसईबी ग्रिड से उत्पन्न बिजली को जोड़ने के लिए एक सिस्टम बनाया है. 

37 गांवों में अपनाया जाएगा मॉडल
तमिलनाडु में ओदंथुरई ग्राम पंचायत के अध्यक्ष पी थंकावेल ने इस गांव के सोलर एनर्जी सिस्टम की सराहना करते हुए कहा कि वह अपनी पंचायत में पेरिंजनम मॉडल को दोहराने की इच्छा रखते हैं. टीम में शामिल 37 पंचायतों के अध्यक्षों का कहना है कि वे भी अपने गांवों में इस मॉडल को लेकर जाएंगे. 

एक प्रतिनिधि ने कहा कि तमिलनाडु में लगातार बिजली कटौती हो रही है. ऐसे में, सौर ऊर्जा परियोजना को खेतों में सिंचाई के लिए भी अपनाया जा सकता है. टीम का कहना है कि सोलर एनर्जी यूनिट्स की स्थापना के लिए सहकारी बैंकों से किसानों और अन्य लोगों को लोन दिलाया जाएगा. 

पेरिंजनम में बनती है 1.16 मेगावाट बिजली
23 सितंबर, 2019 को, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पेरिंजनम में 500 kW सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया और बिजली उत्पादन हर साल बढ़ता रहता है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा घर इसका हिस्सा बन जाते हैं. चार वर्षों के बाद, पंचायत कुल 1.16 मेगावाट उत्पन्न करती है और इसे केएसईबी ग्रिड पर अपलोड करती है. 

खपत के बाद उत्पन्न अतिरिक्त बिजली के लिए पंचायत के कई परिवारों को केएसईबी द्वारा भुगतान किया जा रहा है. 

पेरिंजनम के लोगों को हुआ है बड़ा फायदा

  • 127 परिवारों का बिजली बिल 90,000 रुपये से घटकर 30,000 रुपये हो गया है
  • कार्बन उत्सर्जन में 1.92 लाख किलोग्राम की कमी आई
  • सीएसआर फंड का उपयोग कर सरकारी यूपी स्कूल में 9.5-किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया
  • 750 स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी बल्ब मिले हैं
  • स्ट्रीट लाइट्स के रख-रखाव के लिए 11 सदस्यीय कुदुम्बश्री इकाई का गठन किया गया 

 

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