नेत्रहीन सिंगर सतनाम सिंह..जिसने संगीत की दुनिया में धूम मचा दी, जिसके गाने हर किसी को सुनना है पसंद

कुछ अलग करने की चाह आपको ये समझाती है.. जिदंगी में नया मोड़ तब ही आएगा जब आप नई राह पर चलेंगे. कई बार ऐसे हालात बनते हैं, जब लोग उम्मीद छोड़ देते हैं कि अब आगे का रास्ता नहीं है ,पर कुछ लोग वहीं से नई उम्मीद की किरण जगाते हैं करनाल के काछवा गांव के रहने वाले नेत्रहीन सतनाम की कहानी भी कुछ ऐसी है.

Story of Blind Singer Satnam Singh
वरुण सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST

सतनाम इस समय हरियाणा समेत पूरे देश में फेमस हो रखे हैं. उसके पीछे की वजह उनकी आवाज उनके गीत और आज के दौर के युवाओं की पसंद रैप सॉन्ग, सतनाम के अबतक 20 से ज्यादा गीत लोगों के जुबान पर चढ़ चुके हैं और लोग इस  सतनाम को काफी पसंद कर रहे हैं.

2009 में सतनाम को अचानक दिखना बंद हो गया

सतनाम कहते हैं कि जिदंगी में हारना आसान, पर जितना उससे भी ज्यादा. बस कोशिश करते रहिए, मंजिल मिल ही जायेगी. सतनाम की जुबान पर उनके गाने जब लोग सुनते हैं तो हर किसी को लगता है ये युवक एक सच में एक अलग रास्ता तैयार कर लिया. सतनाम एक दिन सो कर उठे, उसके बाद वो कभी देख नहीं पाए. उनकी आंखो की रोशनी चली गई. कई डॉक्टर्स को दिखाया पर कोई फायदा नहीं हुआ. एक रात में जिंदगी बदल गई. रात तक जो दुनिया रोशन थी सुबह अधेरे में बदल गई ,सतनाम कहते वो वक्त मानो सब खत्म हो गया, पर आज लगता खत्म सोचने से होता है, अब भूल चुका हूं. बस एक मकसद है मेरे गाने लोगों की जुबान पर हों.

सतनाम कहते हैं, छोटा था तो आंखो की रोशनी चली गई. थोड़ा बड़ा हुआ तो पिता का साया सर से उठ गया, अब बस मैं और मेरी मां हैं. पेंशन आती उससे ही जीवन चलता है, पर फिक्र नहीं है वो कहते हैं, कुछ नहीं बचा है अब खोने को, तो पाने के लिए बहुत कुछ है. सतनाम कहते हैं कि मेरा जन्म 1999 में हुआ और 2009 में उसे अचानक दिखना बंद हो गया. वह रात को सोया था और वह जब सुबह उठा तो उसे कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था. घरवालों ने अस्पतालों के धक्के खाए लेकिन इलाज नहीं हो सका. 2011 में उसके पिता भी चल बसे.

'दोस्त सुरजीत हर समय में देता है साथ'

सतनाम के दोस्त सुरजीत जो हर मुश्किल में उसके साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलता है. उसका कहना है कि सतनाम बहुत ही अच्छा रैप गाता है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. दूसरा वह नेत्रहीन है, लेकिन नेत्रहीन होने के बावजूद उसका हौंसला बहुत ही बड़ा है. वह अपने जीवन में कुछ करना चाहता है. सुरजीत और सतनाम नई एलबम पर अब काम कर रहे हैं. सुरजीत भी सिंगर और राइटर है. उनकी माता सुरेन्द्र कौर कहती हैं, उनके लिए उनका बेटा कई बार उनको प्रेरणा देता है, वो कहती है कई बार मैं हार जाती पर वो मुझे हौसला देता है. वो कहती हैं, उसको जो पसंद है मैं उसके साथ हूं और मुझे खुशी है आज वो सफलता की तरफ बढ़ रहा है. 

सतनाम जैसे लोग एक उदाहरण उन लोगों के लिए है, जो हिम्मत हार कर जिदंगी में आगे बढ़ने का हौसला छोड़ देते हैं, लेकिन शायद बुरे दौर से नए दौर के रास्ते निकलते हैं. सतनाम की जिंदगी यही समझाती है.

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