बिहार वालों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल में अब चौक-चौराहों पर लगने वाली प्रतिमाओं और मूर्तियों को बनाने के लिए उन्हें जयपुर या टीकमगढ़ जाना नहीं पड़ेगा बल्कि ऐसी मूर्तियां अब बिहार में ही बना सकेंगे. दरअसल में जमुई जैसे पिछड़े इलाके से आने वाले बिरजू कुमार अपनी कलाकृतियों की वजह से काफी चर्चा में हैं. उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां 15 से 16 राज्यों में स्थापित की जा चुकी हैं.
मिला गोल्ड मेडल
बिरजू कुमार ने दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई जमुई के बरहट स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से पूरी की. इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन और 2022 में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. 2020 में उन्हें गोल्ड मेडल मिला. कई संस्थानों से नौकरियों का ऑफर भी आया लेकिन बिरजू ने खुद का काम करना शुरू किया. आज देश के करीब कई राज्यों से मूर्ति बनाने का ऑर्डर आ रहा है.
हो रही लाखों की कमाई
बिरजू कुमार को उनके काम के लिए कई अवार्ड भी मिले हैं. वह अपने गांव में ही रहकर मूर्तियां बनाते हैं. बातचीत में उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें आर्ट्स में दिलचस्पी है. जब छोटे थे तब किताबों से नकल कर पेंटिंग बनाते थे. उन्होंने कहा कि मैं पढ़ने में अच्छा था लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इस वजह से इंजीनियर और डॉक्टर बनने की तरफ ध्यान नहीं गया. पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान ही उनको अपने काम से पहचान मिलने लगी.
यहं से आए ऑर्डर
झारखंड सीएम हाउस के गेट पर लगी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की मूर्ति बिरजू ने ही बनाई है. इसके अलावा बिरसा मुंडा की आठ फीट की मूर्ति करीब-करीब बनकर तैयार है जो गोड्डा में जवाहर नवोदय विद्यालय में लगनी है. महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे की प्रतिमा बनाने का ऑर्डर आया है. देश के प्रथम आईपीएस की मूर्ति उनके द्वारा बनाई गई है जिसे छत्तीसगढ़ के म्यूजियम में लगाया गया है. अब तक कई महापुरुषों की प्रतिमा उनके द्वारा बनायी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि मूर्तियां बनाते समय उन्हें काफी अच्छा लगता है.
(राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट)