महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट में एक किसान मीठे पान की खेती करके लाखों की कमाई कर रहा है. इस किसान का नाम है रामचन्द्र बरेठिया, जिन्होंने 20 एकड़ जमीन पर मीठे पान का बागान लगाया हुआ है. कृषि विभाग ने मार्गदर्शन में उन्होंने यह प्रयोग किया जो सफल रहा है.
रामचन्द्र बरेठिया अकोट शहर के मेयर पद पर रहे हैं और अब कृषि क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं. वह खेती में अपने अलग-अलग प्रयोग करके एक नई कहानी लिख रहे हैं. अपने खेतों में वह कलकत्ता का पान उगाते हैं जिनका उपयोग मीठा पान बनाने के लिए किया जाता है.
शेड नेट लगाकर करते हैं खेती
बरेठिया ने अपने 20 एकड़ खेत में शेड नेट लगाकर कलकत्ता के मीठे पान के पौधे लगाए हुए हैं. इसके लिए उन्होंने कोलकाता से कलकत्ता मीठा पान लालदंडी के पांच हजार बेल के पौधे मंगवाए हैं. ये पौधे उन्हें 1 लाख 5 हजार रुपए की कीमत पर मिले. इस खेती के लिए उन्हें यूट्यूब और कृषि विभाग से सहयोग मिला. उन्हें नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना के अंतर्गत आंतरिक शेडनेट हाउस मिला है.
उन्होंने शेडनेट हाउस का निर्माण 12.5 लाख रूपये की लागत से किया है. इसके लिए उन्हें 80 फीसदी सरकारी सब्सिडी मिली है. साथ ही, उन्होंने सॉइल टेस्ट भी कराया और इसके बाद खेती शुरू की. उनका शेडनेट हाउस आठ माह पहले बनकर तैयार हो गया था.
10-12 साल मिलेगी आय
बरेठिया का शेडनेट हाउस पानी के छिड़काव के अलावा मल्चिंग पेपर और ड्रिप सिंचाई से सुसज्जित हैं. कलकत्ता मीठे पान की खेती के लिए उन्हें ढाई लाख रुपए तक का खर्चा करना पड़ा. लेकिन यह फसल साल के आठ महीने उपलब्ध रहती है. अगले दस से बारह साल उन्हें पान के पत्ते से आय होगी. फार्म में फिलहाल पांच हजार लताएं हैं. पहली कटाई में हर एक बेल की पांच पत्तियां काटी जाएंगी.
इस प्रकार एक महीने में तीन बार में 75 हजार पत्ते बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे. एक पान के पत्ते की कीमत 3 से 5 रुपये तक हो सकती है. इस हिसाब से मासिक आय डेढ़ से दो लाख तक हो सकती है. बरेठिया पान की खेती को लेकर आश्वस्त हैं और उनका मानना है कि अगर दूसरे किसान भी इस तरह के प्रयोग करें तो खेती को फायदेमंद बना सकते हैं.
(धनंजय साबले की रिपोर्ट)