गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दाऊद इब्राहिम की प्रिंट वाली टी-शर्ट बेचने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के खिलाफ महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. कुछ दिन पहले लॉरेंस बिश्नोई को हीरो बताने वाली टी-शर्ट की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लॉरेंस बिश्नोई की टी-शर्ट बेचने के आरोप लगे थे. बाद में बवाल होने पर कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म से इस टी-शर्ट को हटा दिया था.
मीशो-फ्लिपकार्ट पर बिक रही थी टी-शर्ट
फिल्म निर्माता अलीशान जाफरी ने देश के अंदर "ऑनलाइन कट्टरपंथ" का एक परेशान करने वाला उदाहरण बताया था और ऐसी टी-शर्ट को लेकर आपत्ति जताई थी. जाफरी ने एक्स पर लिखा था, "लोग मीशो और टीशॉपर जैसे प्लेटफॉर्म पर गैंगस्टर का सामान बेच रहे हैं. यह भारत के नए ऑनलाइन कट्टरपंथ का खतरनाक उदाहरण है."
जाफरी ने आगे लिखा, इन टी-शर्टों की बिक्री न केवल आपराधिक व्यवहार के महिमामंडन के लिए बल्कि युवा दर्शकों पर उनके संभावित प्रभाव के लिए भी चिंताजनक है. जाफरी ने देवरिया के एक 15 साल के बच्चे का उदाहरण देते हुए लिखा जिसने गैंगस्टर से प्रेरित होकर अपने एक दोस्त की हत्या कर दी थी. उन्होंने दिल्ली में युवा लड़कों के एक ग्रुप का भी जिक्र किया जिन्होंने सोशल मीडिया पर बदनामी हासिल करने के लिए हत्या करने के इरादे से 'बदनाम गैंग' नाम का एक गिरोह बनाया था.
168 रुपये में बेची जा रही टीशर्ट
बता दें ऑनलाइन ऐसी टी शर्ट को 168 रुपये में बेचा जा रहा था और ये खासकर बच्चों के लिए बनाई गई है. लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में शामिल ज्यादातर शूटर कम उम्र के हैं. ऐसे में बच्चों की विचारधारा को प्रभावित करने वाली इस टी शर्ट को लेकर सोशल मीडिया पर भी आपत्ति जाहिर की गई थी. बवाल होने के बाद सभी ने ऐसी टी शर्ट को अपनी वेबसाइट से हटा दिया.
पुलिस ने दर्ज की FIR
महाराष्ट्र साइबर पुलिस की तरफ से कहा गया है कि कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लॉरेंस बिश्नोई और दाऊद इब्राहिम जैसे कुख्यात गैंगस्टरों का महिमामंडन करने वाली टी-शर्ट बेच रहे हैं. गैंगस्टर्स को आदर्श बताने वाले प्रोडक्ट समाज के लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं. ऐसे प्रोडक्ट युवा दिमाग को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. महाराष्ट्र साइबर विभाग इस सामग्री को हानिकारक मानता है, क्योंकि इससे प्रभावित होकर ही लोग अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं.
आईटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने विक्रेताओं के खिलाफ सीआर संख्या 13/2024 यू/एस 192, 196, 353, 3 बीएनएस, 2023 आर/डब्ल्यू 67 आईटी अधिनियम, 2000 के तहत एफआईआर दर्ज की है. इन लिस्टिंग को होस्ट करने वाले प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट, अलीएक्सप्रेस, टीशॉपर और ईटीसी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है.